आपको पता होगा ही मुग़ल काल को भारतीय इतिहास में शाही शौक तथा शान-शौकत के रूप में देखा जाता है। इस समय में मुग़ल बादशाहों ने न सिर्फ वास्तुकला के क्षेत्र में अपना सिक्का जमाया बल्कि उनके हरम की भव्यता भी इस दौरान काफी चर्चित रही। आज हम आपको इस लेख के माध्यम से मुग़ल हरम के कुछ रहस्यों के बारे में बता रहें हैं।

विदेशी यात्रियों ने खोले राज

आपको बता दें की मुग़ल काल में काफी विदेशी यात्री भारत की यात्रा पर आये थे। जिसका वर्णन इतिहास में मिलता है। इनमें से दो यात्री मनूची तथा फ्रांसिस्को पेलसर्ट भी थे। ये क्रमश इटली और डच यात्री थे। इन्होने अपनी किताबों में तत्कालीन मुग़ल बादशाहों के जीवन तथा हरम के बारे में काफी कुछ लिखा है। इन यात्रियों के यात्रा विवरणों से पता लगता है की मुग़ल बादशाह किस प्रकार से हमेशा भोग विलास में लगे रहते थे। इनकी किताबों में मुग़ल बादशाहों का महिलाओं, दासियों तथा किन्नरों से सम्बन्ध का जिक्र भी मिलता है।

सबसे विलासी मुग़ल बादशाह

आपको बता दें की फ्रांसिस्को पेलसर्ट ने “जहांगीर इंडिया” नामक पुस्तक को लिखा है। इस पुस्तक में उसने जहांगीर को सबसे विलासी बादशाह के रूप में चित्रित किया है। पुस्तक के अनुसार 25 वर्ष की आयु तक जहांगीर की 20 शादियां हो चुकी थीं।

इसके अलावा जहांगीर के हरम में 300 महिलाएं भी थीं। जिनकी संख्या उसके जीवनकाल में निरंतर बढ़ती रही। जहांगीर की विलासिता इस बात से साबित होती है की उसकी प्रत्येक पत्नी की देखभाल के लिए 20 दासियां भी थीं। इन सभी महिलाओं को भत्ता भी दिया जाता था, जिसका बड़ा हिस्सा वे गहनों तथा कपड़ो पर खर्च करती थीं ताकी बादशाह को वे सुंदर दिखाई पड़े।

विलासिता की संस्कृति

मुग़ल साम्राज्य के पीछे इसकी विलासिता भरी संस्कृति की छाप साफ़ देखी जाती है। ये बातें न सिर्फ इतिहासकारों के लिए महत्वपूर्ण हैं बल्कि आधुनिक समय के लोगों के लिए भी जानकारी भरी हैं। मुग़ल साम्राज्य के इन विवरणों से हमें उस समय के रीति रिवाज तथा संस्कृति की गहराई से समझ मिलती है।