Student become a district Commissioner: आप सब ने नायक मूवी तो देखी ही होगी. उस मूवी में एक पत्रकार को डीएम बना दिया जाता है. इस खबर को पढ़ने से पहले आप जरा ये बताइए की क्या ऐसा कुछ सच में हो सकता है? अगर आपको लग रहा है की ऐसा नहीं हो सकता तो आप गलत है. जानते है क्यों क्योंकि ऐसा हो चूका है. बस फ़र्क़ इतना है की वो पत्रकार था और अभी एक बच्चा है. जी हाँ एक बच्चा.

दरअसल ये घटना है असम की. बता दे असम में 16 साल के भाग्यदीप को एक दिन के लिए शिवसागर का डीएम बना दिया गया. डीएम बनने के बाद भाग्यदीप राजगढ़ के घर गए और फिर कार्यालय लेकर आए. कार्यालय आने के बाद भाग्यदीप ने जिला विकास समिति (डीडीसी) की दिनभर की बैठक में हिस्सा लिया. ऐसा पहली बार हुआ जब असम के किसी दूरदराज के एक इलाके के 10वीं कक्षा के एक छात्र को एक दिन के लिए डीएम बना दिया गया हो चलिए आपको इस पुरे मामले के बारे में बताते है.

क्या है पूरा मामला

आपकी जानकारी के लिए बता दे एक रिपोर्ट के अनुसार शिवसागर के डीएम आदित्य विक्रम यादव ने एक योजना के तहत ‘बोकोटा नेमुगुरी ड्यूरिटिंग टी गार्डन’ से भाग्यदीप को चुना था. डीएम के हिसाब से ऐसा इसलिए किया गया ताकि ग्रामीण और गरीब परिवारों के प्रतिभाशाली छात्रों को पहचानकर उनके पढ़ाई लिखाई में उनकी मदद की जाए और उनके सपने को पूरा किया जा सके. डीएम ने एक इंटरव्यू के दौरान बताया है की जिले में ऐसा इसलिए भी किया गया है ताकि बच्चो का मनोबल बढ़ाया जा सके.मनोबल बढ़ने से गरीब बच्चे मेहनत करने से पीछे नहीं हटेंगे और अलग अलग छेत्रों में अपना नाम कमा सकेंगे.