Tuesday, December 30, 2025
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‘वन नेशन वन इलेक्शन’ के विचार को 81 फीसदी लोगों का मिला सहयोग, जानें कोविंद समिति को कितने मिले सुझाव

‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ यानी की ‘एक राष्ट्र-एक चुनाव’ पर पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली समिति को जनता से 21,000 सुझाव मिले हैं, इनमें से 81 प्रतिशत लोगों ने लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव को एक साथ कराने पर सहमति जताई है। एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि इस विचार पर 46 राजनीतिक दलों से भी सुझाव मांगे गए थे, जिसमें अब तक 17 राजनीतिक दलों के सुझाव मिल चुके हैं।

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निर्वाचन आयोग ने केंद्र सरकार को एक चिट्ठी लिख कर इस विचार का सपोर्ट करते हुए बताया है कि, देश में एक साथ चुनाव कराने से कई दिक्कत नहीं आएंगी। लेकिन इसके लिए अतिरिक्त ईवीएम और वीवीपैट मशीनों की जरूरत होगी। तो वहीं कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने एक साथ चुनाव कराने के विचार का विरोध किया है।

पिछले साल सितंबर में गठित की गई कोविंद के नेतृत्व वाली समिति ने रविवार को अपनी तीसरी बैठक के बाद कहा, ‘कुल 20,972 प्रतिक्रियाएं प्राप्त हुईं, जिनमें से 81 प्रतिशत लोगों ने एक साथ चुनाव के विचार पर सहमति जताई है।’ इसके बाद में आगामी समिति की बैठक की जानकारी देते हुए बताया कि अगली बैठक 27 जनवरी को होगी।

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कांग्रेस ने जताया ऐतराज

पहले कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने एक राष्ट्र, एक चुनाव के विचार पर सरकार द्वारा गठित उच्च स्तरीय समिति को पत्र में कहा था कि कांग्रेस इस विचार का विरोध करती है। उन्होंने आगे कहा था कि संसदीय शासन व्यवस्था को अपनाने वाले देश में एक साथ चुनाव की अवधारणा के लिए कोई स्थान नहीं है तथा उनकी पार्टी ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ के विचार का पुरजोर विरोध करती है।

इस सुझाव में खड़गे ने यह भी कहा कि एक साथ चुनाव कराने का विचार संविधान की मूल संरचना के खिलाफ है और यदि एक साथ चुनाव करवाना है तो संविधान की मूल संरचना में बदलाव करना पड़ेगा।

खड़गे ने पत्र में क्या कहा

खड़गे ने अपने पत्र में कहा कि, ‘जिस देश में संसदीय शासन प्रणाली अपनाई गई हो, वहां एक साथ चुनाव की अवधारणा के लिए जगह नहीं है। सरकार के एक साथ चुनाव का विचार प्रारूप संविधान में निहित संघवाद की गारंटी के खिलाफ हैं।’

आम आदमी पार्टी ने भी किया विरोध

आम आदमी पार्टी (आप) ने इस पर ऐतराज जताते हुए कहा कि देश में एक साथ चुनाव कराने से संसदीय लोकतंत्र के विचार और संविधान के बुनियादी ढांचे को नुकसान होगा।

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Snehlata Sinha
Snehlata Sinhahttps://www.tazahindisamachar.com/
मैं स्नेहलता सिन्हा, पेशे से लाइफस्टाइल पत्रकार हूं और इस फील्ड में मुझे लंबा अनुभव हो चुका हैं। फैशन, स्‍टाइल, लेटेस्‍ट ट्रेंड्स, बॉलीवुड गॉसिप और ब्‍यूटी रेमेडीज के विषय में विशेषज्ञता प्राप्‍त है। मैंने न्यूज़-24 में एक इंटर्न के रूप में अपने करियर की शुरुआत की थी। लेकिन, अब मैं पिछले ढाई साल से timesbull.com के हिंदी समाचार पोर्टल पर कार्यरत हूं। मेरे द्वारा बताई गई टिप्‍स और न्यूज़ आपको हरपल अप-टू-डेट रहने और अपकी लाइफस्‍टाइल को स्‍टाइलिश बनाने में मदद करेंगी।
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