Gold Price Today: सोने और चांदी की कीमतों में जो रिकॉर्ड तोड़ तेजी बनी हुई थी, उसमें अब थोड़ी नरमी देखने को मिल रही है। ऑल-टाइम हाई पर पहुंचने के बाद अब बाजार में ‘मुनाफावसूली’ (Profit Booking) का दौर शुरू हो गया है, जिसके चलते मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर भाव नीचे आए हैं। बाजार के जानकारों का कहना है कि कीमतों का इस स्तर से गिरना एक स्वाभाविक सुधार है, क्योंकि जब दाम बहुत ऊंचे चले जाते हैं, तो निवेशक अपना मुनाफा निकालने के लिए बिकवाली शुरू कर देते हैं।
Latest Trading Rates on MCX
ताजा आंकड़ों की बात करें तो एमसीएक्स पर सोने के भाव में ₹511 की कमी आई है, जिसके बाद यह ₹1,33,669 प्रति 10 ग्राम के स्तर पर कारोबार कर रहा है। वहीं, चांदी में भी बड़ी गिरावट दर्ज की गई है। चांदी ₹1,277 फिसलकर ₹1,96,800 प्रति किलोग्राम के पास पहुंच गई है। खरीदारों और गहने बनवाने वालों के लिए यह एक राहत भरी खबर है क्योंकि कीमतें अपने उच्चतम स्तर से काफी नीचे आ गई हैं।
Understanding the Reasons Behind Decline
बाजार में कीमतों के टूटने की मुख्य वजह निवेशकों द्वारा की जा रही बिकवाली है। जब सोने और चांदी के दाम रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गए, तो बड़े निवेशकों ने अपना मुनाफा पक्का करने के लिए धातु बेचना शुरू कर दिया। दिलचस्प बात यह है कि यह गिरावट ऐसे वक्त में आई है जब वैश्विक स्तर पर इन धातुओं की मांग काफी मजबूत है। लेकिन स्थानीय बाजार में बिकवाली का दबाव इतना अधिक था कि उसने अंतरराष्ट्रीय मांग के असर को कम कर दिया और कीमतों को नीचे धकेल दिया।
Comparison with All-Time High Levels
अगर रिकॉर्ड स्तर से तुलना करें, तो सोना और चांदी अब काफी किफायती नजर आ रहे हैं। 5 फरवरी के वायदा भाव के अनुसार, सोने का ऑल-टाइम हाई ₹1,35,496 था, जिससे यह अब लगभग ₹2,000 प्रति 10 ग्राम सस्ता हो चुका है। इसी तरह चांदी भी अपने ₹2,01,615 के उच्चतम स्तर से करीब ₹5,000 प्रति किलो सस्ती मिल रही है। यह उन लोगों के लिए निवेश का एक अच्छा अवसर हो सकता है जो कीमतों में गिरावट का इंतजार कर रहे थे।
Future Market Outlook and Demand
विशेषज्ञों का मानना है कि सोने और चांदी की बुनियादी मांग में कोई कमी नहीं आई है। उद्योगों में चांदी की बढ़ती खपत और सुरक्षित निवेश के रूप में सोने की लोकप्रियता अभी भी बरकरार है। जानकारों का कहना है कि यह वर्तमान गिरावट केवल एक ‘करेक्शन फेज’ है। यदि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भू-राजनीतिक तनाव बढ़ता है या डॉलर में कमजोरी आती है, तो ये कीमती धातुएं एक बार फिर से अपनी खोई हुई तेजी वापस पा सकती हैं और नए रिकॉर्ड बना सकती हैं।
