आज पूरे विश्व में सौर ऊर्जा का उपयोग विद्यमान ऊर्जा संकट को हल करने का एक प्रमुख माध्यम बन चुका है। इसके अलावा, यह एक प्राकृतिक, स्वच्छ, और असीमित स्रोत है जो हमें अनियमितताओं से मुक्ति देता है। केंद्र सरकार ने इस सचेतना के साथ गहरे संवेदनशीलता का साक्षात्कार किया है और देशवासियों को सौर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए कई पहल की है।

इस प्रक्रिया में एक और महत्वपूर्ण कदम लिया गया है, जिसमें केंद्र सरकार घरों में सौर पैनल लगाने की योजना को शुरू कर चुकी है। यह पहल स्वास्थ्य, पर्यावरण, और आर्थिक दृष्टि से एक सफल कदम होगा। सौर पैनल लगाने की योजना का मुख्य उद्देश्य प्राकृतिक ऊर्जा स्रोतों का प्रयोग बढ़ाना और पर्यावरण की सुरक्षा है। सौर पैनलों के इस्तेमाल से लोग अपनी ऊर्जा संग्रहण और उत्पादन क्षमता में वृद्धि कर सकते हैं, जिससे उनकी ऊर्जा आत्मनिर्भरता में सुधार होगा।

इसके अलावा सौर ऊर्जा के इस्तेमाल से अधिक पर्यावरण सहित विकास होगा, क्योंकि यह शुद्ध ऊर्जा स्रोत है जो जल, वायु, और भूमि को क्षति पहुंचाने से बचाता है। प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षी इस योजना ‘प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना’ के अंतर्गत देश भर में करीब एक करोड़ घरों में सोलर पैनल लगाने का कार्य किया जाना है। बता दें कि 13 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा पीएम सूर्य घर योजना को लांच किया गया था।

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस 75 हज़ार करोड़ की योजना में भारत के करीब एक करोड़ घरों को 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली देने के लिए लोगों के घरों की छत पर सोलर पैनल लगाने का काम किया जाएगा। कॉमन सर्विस सेंटर के माध्यम से इस योजना के सर्वे का कार्य प्रारंभ हो चुका है।

इस योजना का लाभ सभी जरूरतमंदों तक पहुंचे, इसके लिए भारत सरकार के नवीन एवं नवीकरण ऊर्जा मंत्रालय द्वारा कॉमन सर्विस सेंटर के माध्यम से सर्वे का कार्य किया जा रहा है। इस सर्वे में जो लोग अपने घरों में सौर ऊर्जा का प्लांट लगाना चाहते हैं उनकी जानकारी की जा रही है।

सीएससी के जिला प्रबंधक रवि वर्मा ने कहा कि, बाराबंकी के लगभग 200 से अधिक केंद्र संचालकों के द्वारा सर्वे कार्य शुरू किया जा चुका है। यदि आप भी योजना का लाभ उठाना चाहते हैं तो आज ही अपने नजदीकी सीएससी सेंटर से संपर्क कर अपना सर्वे फॉर्म भरवा सकते हैं।

उन्होंने आगे बताया कि, जिनके घर में बिजली का कनेक्शन है और घर पक्का है। वे लोग उपभोक्ता सर्वे करवा कर इस योजना का लाभ ले सकते है। इस सर्वे के लिए कोई पैसा नहीं देना होगा। लेकिन इसके सिर्फ 6 महीने का पुराना बिजली का बिल और छत का फोटो देनी होगी।

इसके बाद उन्होंने कहा कि इस योजना के अंतर्गत 40 प्रतिशत सब्सिडी केंद्र सरकार तथा 30 प्रतिशत सब्सिडी राज्य सरकार द्वारा दी जाएगी। उदाहरण के तौर पर यदि एक किलोवाट के प्लांट की अनुमानित कीमत 65 हज़ार रूपये है, तो इसमें से 30 हज़ार रुपये की सब्सिडी केन्द्र व 15 हज़ार की सब्सिडी राज्य सरकार प्रदान करेगी। इस योजना के लाभार्थी को सिर्फ 20 हज़ार रुपये का भुगतान करना होगा।