नई दिल्ली। काफी कम समय में मात्र इत्र के धंधे से धनकुबेर बन जाने वाले कारोबारी पीयूष जैन भले ही दिखने में बेहद ही साधारण दिखते थे। लेकिन इस साधारण सी मूरत के अंदर कई गहरे राज छुपे हुए थे जिसके बारे में बगल में रहने वाला पड़ोसी भी भांप नही पाया था। समाज के फंक्शन में हमेशा वो साधारण कपड़ें के साथ हवाई चप्पल पहनकर जाते थे जिससे अंदर के छुपे राज बाहर ना आ जाएं।

आम जिंदगी जीने वाले पीयूष जैन के कारनामों का जब खुलासा हुआ तो पड़ोसी लोग जानकर हैरान हो गए। पीयूष जैन के घर से छापामारी के दौरान करोड़ों की संम्पत्ति हासिल हुई। पीयूष जैन के सही कारोबार की बात करें तो उनके पिता महेश चंद्र जैन और दादा फूल चंद जैन कपड़े की छपाई का कारोबार करते थे

वही पीयूष पहले मुंबई की किसी कंपनी में सेल्समैन की नौकरी करते थे लेकिन केमिस्ट्री के विषय में अव्वल होने के चलते उन्होंने साबुन और डिटर्जेंट बनाने का काम शुरू कर दिया था। जिसके बाद वो गुटखा और पान मसाला के कारोबार में आ गए.

पीयूष ने धीरे धीरे मेहनत करके अपने पिता के कारोबार को भी आगे बढ़ाया और साबुन और डिटर्जेंट के कंपाउंड के साथ गुटखा और तंबाकू का कंपाउंड का काम भी तेजी से बढ़ना शुरू हो गया। फिर धीरे धीरे इनके प्रोडेक्ट बड़ी कंपनियों में सेल होना शुरू हो गए। इसी तरह से वो धीरे-धीरे धन कुबेर बन गए। पीयूष जैन कन्नौज से कानपुर आकर व्यापार करने लगे।

अरबों की दौलत का खुलासा

कि कारोबारी पीयूष जैन ने अपनी काली कमाई से इतना पैसा बनाया कि उसने अपने और परिवार के लोगों के नाम से देश के चार राज्यों में संपत्तियां खरीद ली हैं। कानपुर, कन्नौज समेत, आगरा, प्रयागराज समेत दिल्ली, मुंबई और गुजरात में करीब 400 करोड़ की संपत्तियां खरीद ली।

दौलत जानकर उड़े होश

किसी ने सपने में भी नहीं सोचा होगा कि एक मामूली सा दिखने वाला कारोबारी अरबों की दौलत का मालिक है। छापे के दौरान पीयूष जैन के घर की दीवारों और तहखाने से 200 करोड़ कैश, 23 किलो सोना और 6 करोड़ की कीमत का चंदन तेल बरामद हुआ।

इसके अलावा छापेमारी के दौरान डीजीजीआई (DGGI) की टीम ने तहखाने की 500 चाबियां, 109 ताले और 18 लॉकर जब्त किए।  हैं. कुल मिलाकर अंदाजा लगाया जाए तो पीयूष की ये सारी दौलत करीब 1000 करोड़ की है.