सांपों के सिर पर पाई जाती है नागमणि, जानें इसके पीछे का रहस्य

आपने अक्सर बॉलीवुड फिल्मों में नाग-नागिन की जोड़ी और उनके बीच पाई जाने वाली नागमणि के बारे में सुना और पढ़ा होगा। नागमणि को लेकर कई तरह के किस्से और कहानियाँ प्रचलित हैं। माना जाता है कि यह एक जादुई मणि होती है, जो नाग-नागिन की रक्षा और शक्ति का स्रोत होती है।

फिल्मों और लोककथाओं में नागमणि को अमूल्य धन और असीम शक्तियों का प्रतीक माना गया है। इसके बारे में कहा जाता है कि यह मणि किसी भी प्रकार की बुरी आत्माओं और नकारात्मक ऊर्जा से रक्षा करती है।

लोककथाओं में, नागमणि की प्राप्ति के लिए वीर योद्धाओं और जादूगरों की रोमांचक कहानियाँ मिलती हैं। ये कहानियाँ सुनने में जितनी रोचक होती हैं, उतनी ही रहस्यमयी भी होती हैं। नागमणि के इर्द-गिर्द बुनी गईं इन कहानियों ने सदियों से लोगों की कल्पनाओं को मंत्रमुग्ध किया है।

लेकिन इन कहानियों में कितनी सच्चाई है इसके बारे में आज तक कोई समझ नहीं पाया है। तो वहीं कई लोग नागमणि जैसी बातों पर विश्वास नहीं करते हैं और इसको सिर्फ काल्पनिक कथा ही माना जाता है। क्योंकि ना ही किसी ने नागमणि को देखा है, और ना ही इसके बारे में कोई पुख्ता सबूत मिलते हैं।

रोशनी से चमचमाती है नागमणि

वराहमिहिर द्वारा रचित वृहत्स संहिता के मुताबिक नागमणि कोई काल्पनिक वाकई में होती है, और यह आज भी नागों के शरीर में मिलती है। इस नागमणि को सर्पमणि भी कहा जाता है, और ये सांप के सिर पर पाई जाती है। इस नागमणि को लेकर यह भी कहते हैं कि इसका तेज और प्रकाश जलती आग के जैसे होता है।

नागमणि की खासियत

वराहमिहिर के अनुसार नागमणि अन्य मणि की तुलना में ज्यादा प्रभावशाली और अलौकिक दिखती है। जिनके पास भी यह नागमणि होती है, वो दुनियां का सबसे ताकतवर और धनवान व्यक्ति कहलाता है, और उनको किसी भी प्रकार की बीमारी नहीं होती है।

वराहमिहिर ने वृहत्ससंहिता में यह भी बताया है कि पहले के समय में जिन राजाओं के पास नागमणि होती थी वे अपने शत्रुओं को पराजित कर देते थे। उनके राज्यों में भी हमेशा समय पर वर्षा होती रहती थी जिससे उनके क्षेत्र में अनाज का भंडार भरा रहता था और इस वजह से उनकी प्रजा हमेशा खुशी से जीवन यापन करती थी।