नई दिल्ली: क्रेंद में मोदी सरकार के आने के बाद से आर्थिक रूप  कमजोर वर्ग के लोगों के लिए सरकार कई तरह से प्रयास कर रही है। गरीबों के राशन से लेकर उनके रहने के लिए छत मिल सके, इसके लिए सरकार ने अवास योजना की शुरूआत की है। जिसके तहत वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अबी हाल ही में पेश किए गए बजट में किराए के मकान, चॉल और झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले लोगों को नए घर देने का ऐलान किया है। जिससे जरूरतमंद लोगों को अपना घर मिल सके। जिसके बारें में सिग्नेटर ग्लोबल लिमिटेड के संस्थापक और चेयरमैन प्रदीप अग्रवाल ने भी इसका खुलासा किया है।

बजट 2024 का टेक्नोलॉजी सेक्टर पर क्या होगा असर?

प्रदीप अग्रवाल ने बताया है कि वित्त मंत्री के द्वारा पेश किए जाने वाले इस बजट के पास होने के बाद जल्द सरकार मध्यम वर्ग के लिए हाउसिंग स्कीम लाने जा रही है। जो लोग अब अपने घर के होने का सपना देख रहे है उनके सपने जल्द पूरे होने वाले हैं। जिसका उद्देश्य किराए के मकान में रहने वाले लोगों को अपना घर पाने में मदद करना है।

सरकार की इस घोषणा से मिड हाउसिंग और अफोर्डेबल सेक्टर को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। इससे पहले भी सरकार किफायती आवास पर जोर देती रही है। आयकर नियम 1961 के तहत किफायती आवास खरीदने वालों को कुछ योजनाएं और छूट भी दी जाती हैं।

ब्याज में कितनी कटौती हुई

इनकम टैक्स की धारा 80EE के तहत आने वाले लोगों को होम लोन के ब्याज पर छूट मिलती है। जो लोग पहली बार घर खरीद रहे हैं. इस धारा के तहत उन्हें काफी लाभ पहुंच सकता है। इसके तहत होम लोन लेने वाले 50 हजार रुपये तक की टैक्स कटौती का दावा कर सकते हैं।

सरकार का लक्ष्य क्या है?

पीएम आवास योजना के तहत सरकार ने 2024-2025 का लक्ष्य रखा है कि जरूरतमंद लोगों के लिए 1 करोड़ घर बनाए जाएंगे।  इस योजना के तहत सरकार गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों को घर खरीदने के लिए सब्सिडी देती है।