नई दिल्ली। बच्चों की चाहत हर दंम्पति को होती है। जिसमें लडके को पैदा करने की आस में मां-बाप मंदिर-मज्जिद एक कर देते है। अच्छी परवरिश करने के बाद जब यदि बच्चे किसी बड़े पद पर आसीन होजाते है तो वही मांबाप से बगावत करने पर उतर आते है। इसके बाद मां बाप बच्चों के ताने सुन सुनकर खून का घूंट पीते हुए जीने को मजबूर हो जाते है। ऐसा ही एक मामला आगरा में भी देखने को मिला है। जहां एक बुजुर्ग अपने जीवन का गुजारा करने के लिए वृद्धाश्रम पहुंचे और कहा कि मेरा एक बेटा आईएएस है और दूसरा बिज़नेसमैन। फिर भी मै घर पर सम्मान के साथ नही रह पा रहा हूं।
करोड़ों की कोठी और बेशुमार संपत्ति से भरा यह परिवार आगरा के थाना कमला नगर क्षेत्र में रहने वाला है जहां 78 वर्षीय एक बुजुर्ग बैंक से रिटायर्ड हैं। उनके परिवार का बड़ा बेटा आईएएस है। घर में किसी चीज की कमी नही है, कमी है तो सिर्फ सम्मान की। बुजुर्ग ने अपनी आपबीती बताते हुए कहा कि-उनकी पत्नी इस उम्र में भी मोबाइल पर पूरे दिन व्यस्त रहती है,कुछ बोलो तो लड़ाई-झगड़ा करने लगती है। छोटा बेटा पैसे लेकर अलग हो गया। बड़ा बेटा आईएएस पज पर आसीन है। बेटा जब भी घर आता है तो अपमानित करता है। अब यह घर मरे लिए नरक बन चुका है। मै वृद्धाश्रम में रहना चाहता हूं।
दरअसल,शनिवार के दिन एक 78 वर्षीय पिता जब मंहगे कपड़े पहने और हाथों में समान लिए सिकंदरा स्थित रामलाल वृद्धाश्रम पहुंचे, तो उनको देख वृद्धाश्रम के कर्मचारियों ने जब उनसे पूछा कि किससे मिलना है, तो उन्होंने कहा कि वह किसी से मिलने नही, बल्कि खुद यहां रहने को आए है, इतना कहकर फूटफूटकर रोना शुरू कर दिया।
बुजुर्ग पिता ने बताया कि घर में मेरे दो बेटे और एक बेटी है और तीनों सम्पन्न हैं। लेकिन इसके बाद भी मेरे घर में मुझे ही अपमानित किया जाता है। पत्नी घंटों फोन पर बातें करती रही है, बेटा आईएएस है, दूसरा बेटा व्यापारी है। एक बेटी है। करोड़ो रुपए की कोठी होने के साथ कई सम्पत्तियां है, लेकिन उसके बाद भी घर पर सम्मान नहीं मिलता, कोई मुझसे ठीक से बात तक नहीं करता। जिसके चलते मैने घर को छोड़ने का फैसला किया है।