नई दिल्ली। देश भर में अब स्मार्टफोन का इस्तेमाल लोगों की पहली जरूरत बन चुका है। जिसके बिना हर किसी की जिंदगी अधुरी है। लेकिन जितनी ही तेजी से अस तकनीक का उपयोग कर रहे है। उतनी ही तेजी से फ्रॉड जाल में भी फस रहे है। कही आपका डेटा चोरी हो हो रहा है, तो कभी आपका अकाउंट खाली हो रहा है। की आपके स्मार्टपोन को हैक कर रहा है इस तरह की घटनाएं अब आम होती है। लेकिन कुछ फोन ऐसे भी है। जिसके अंदर की डिट्लेस को तक की चोरी नही कर सकता है। लेकिन इस तरह के फोन आम लोगों के लिए नही बल्कि भारतीय जवानों के लिए बनाए गए है, जो नॉर्मल फोन से बिलकुल अलग होते है।

दरअसल, भारतीय सेना को दिए जाने वाले फोन का नाम SAMBHAV 5G(Secure Army Mobile Bharat Version) है। जो भारतीय सेना की गुप्त बातो को सुरक्षित रखता है. सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी के अनुसार, पिछले साल अक्टूबर में भारत-चीन सीमा पर हुई वार्ता के दौरान इस सिक्योर फोन का इस्तेमाल किया गया था।

जानकारी के अनुसार, SAMBHAV स्मार्टफोन(Secure Army Mobile Bharat Version) को सेना के जवानों की सुरक्षा प्रदान करने के लिए बनाया गया है. यह फोन एंड-टू-एंड सिक्योर मोबाइल इकोसिस्टम पर काम करता है, जिससे सभी बाते पूरी तरह से सुरक्षित रहती हैं।

फोन में एडवांस 5G टेक्नोलॉजी जैसे फीचर्स दिए गए है, जो तेज और इंस्टैंट कनेक्टिविटी प्रदान करता है. इसके साथ ही, फुल एनक्रिप्शन तकनीक से डेटा को पूरी तरह सुरक्षित रखा जाता है।

इस फोन में सबसे बड़ी खासियत यह है कि जब यह फोन जवानों के पास जाता है तो इसमे दिन जाने वाले कॉन्टैक्ट नंबर पहले से ही सभी आर्मी के अधिकारियों के सेव मिलते हैं, किसी को भी अलग से किसी नंबर को सेव करने की आवश्यकता नहीं होती है।

indian army mobile brand

SAMBHAV स्मार्टफोन में वॉट्सऐप जैसा ऐप M-Sigma दिया गया है, जिसके जरिए जवान सुरक्षित रूप से मैसेज भेजने, वीडियो कॉल करने और डॉक्यूमेंट्स शेयर करने का काम करते है। यह फोन केवल आर्मी गोपनीय बातों को सुरक्षित रखन के लिए तैयार किया गया है यह फोन Airtel और Jio के 5G नेटवर्क पर काम करता है।

इस स्मार्टफोन में आम मोबाइल फोन से अलग ब्लॉकचेन तकनीक का इस्तेमाल किया गया है, जिससे डेटा लीक होने का खतरा नहीं होता। ना ही कोई भी थर्ड-पार्टी एस ऐप को डाउनलोड कर सकती है।भारतीय जवानों को मिलने वाले फोन में पहले से ही आर्मी की प्रीसेव्ड कॉन्टैक्ट डायरेक्टरी मौजूद रहती है। जो पूरी तरह से एक बंद और सुरक्षित मोबाइल इकोसिस्टम पर आधारित है।