नई दिल्ली: “सपने उनके ही सच होते हैं, जिनके सपनों में जान होती है, पंखों से कुछ नहीं होता हौसलों से उड़ान होती है ये कहावत तो आपने हर किसी की जुंबा से सुनी ही होगी। ऐसे ही हौसले की उड़ान को बरकरार रखते हुए इस आईपीएस ऑफिसर ने अपना पद हासिल कर अपने सपनों को पूरा किया है। यह सक्सेस स्टोरी है एक साथ यूपीएससी कैंडिडेट्स की, जिसने 16 से ज्यादा नौकरियों को ठुकराकर अपने उद्देश्य को पूरा करने में लगी रही, यहां तक कि उन्होंने ISRO से आए जॉब ऑफर तक को ठुकरा दिया था।

यहां से हासिल की शिक्षा

आज हम यहां बात कर रहे हैं आईपीएस ऑफिसर तृप्ति भट्ट की, जो उत्तराखंड के अल्मोड़ा की रहने वाली हैं। चार भाई-बहनों में सबसे बड़ी तृप्ति ने अपनी स्कूली शिक्षा बेर्शेबा स्कूल से पूरी की, और इसके बाद पंतनगर विश्वविद्यालय से बीटेक किया।

ठुकराया ISRO का जॉब ऑफर
बता दें कि आईपीएस तृप्ति भट्ट ने पंतनगर यूनिवर्सिटी से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बीटेक किया है। इसके बाद तृप्ति ने ISRO सहित छह सरकारी नौकरियों को भी पास किया है लेकिन तृप्ति ने इन सभी ऑफर को किनारे करके यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा को पास करने का फैसला किया था, क्योंकि उनका उद्देश्य IPS ऑफिसर बनने का था।

ऐसे बनीं IPS ऑफिसर
उनकी ईमानदारी और लगन का नतीजा यह रहा कि तृप्ति ने साल 2013 में अपने पहले ही प्रयास में यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा को पास करके 165वीं रैंक हासिल कर IPS आधिकारी का पद हासिल कर लिया।

इन स्पोर्टेस की रह चुकी हैं गोल्ड मेडलिस्ट
बता दें कि आईपीएस तृप्ति भट्ट खेल में भी काफी रूचि रखती है उन्होने राष्ट्रीय स्तर की 16 व 14 किमी मैराथन व राज्य स्तरीय बैडमिंटन प्रतियोगिताओं की स्वर्ण पदक विजेता रह चुकी हैं। इसके अलावा वो ताइक्वांडो और कराटे की मास्टर है।