नई दिल्ली। दिल्ली की भरी भीड़ के बीच किसी की भी जेब को काटकर सेधं लगाने की कला जेबतराश लोग बेहद अच्छी तरह से जानते है। तभी तो दिल्ली जैसे शहर में बस में चढ़ते ही ये लोग लोगों की जेब से कब उनकी चीजे बाहर निकल ले जाते है। उसे कोई नही जान पता है। ऐसा ही एक जेबकतरा जब लोगों के बीच पकड़ गया, तो उसने अपनी इस कला का उजागर सभी के सामने किया। उसके बताया कि वे लोग किस तरह से चोरी करते है। और अपनी इस कला में सफलता पा जाते है।

इस गैंग के एकसगस्य ने बताया कि चोरी करने के दौरान 5-6 सदस्य एक साथ किसी बस में सवार होते है, जबकि दो सदस्य बस के आगे पीछे बाइक पर चलते है. इसके बाद जब हम में से एक जो शिकार की जेब काटता है और दूसरा मोबाइल चुरा लेता है।

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दरअसल इन जेबकतरों के कोड के अनुसार जो जेब काटने का काम करता है उसे ‘मशीन’ कहते हैं और जो मोबाइल फोन लेकर फरार हो जाता है उसे ‘टेगबाज’ कहते हैं। मशीन नाम का जेबकतरा जेब काटने में एक्सपर्ट होता है। और वो अपनी दो उंगलियों की मदद से काम तमाम कर जाता है। जिसकी भनक उस इंसान को भी ही लगती कि जेब से कोई चीज चली गई है। यदि इनमें जो सदस्य पकड़ा जाता है उन्हें कितनी मार पड़ती रहें वो लोग अपनी गैगं के किसी भी सदस्य का नाम उजागर नही करते है। ये उनके बीच की शर्त होती है लेकिन यह बात भी बहुत कम लोग जानते है कि चोर को मारने वाला कोई और नही बल्किन उनकी ही गैंग का चोर होता है जो बाद में लोगों से छोड़ देने की गुजारिश करने लगता है।