हमारे देश में कई तरह की बेहद विचित्र जगहें पायी जाती हैं जिनके बारे में आप अक्सर सुनते होंगे। इसके बारे में दावा भी किया जाता है कि वहां पर भूतों का साया है तो कहीं पर मौसम और परिवेश अजीबोगरीब होता है।

जिससे वहां के लोगों को समस्याएं होती हैं। लेकिन क्या आपने एक ऐसी जगह के बारे में सुना है जहां पर इंसानों को नहीं, पक्षियों को समस्या होती है। जी हां इस जगह पर आकर पक्षी सुसाइड कर लेते हैं।

कहां पर पक्षी करते हैं सुसाइड
असम की बोरेल पहाड़ियों के बीच में एक गांव बसा हुआ है, जिसका नाम जतिंगा है। यह जगह पूरे देश में अपने रहस्यमयी होने के कराण बहुच प्रसिद्ध है। इस गांव को ‘चिड़ियों का सुसाइड पॉइंट’ भी कहा जाता है।
जिसका मुख्य कारण यह है कि इस गांव में चिड़ियां आकर आत्महत्या कर लेती हैं। इसमें सबसे ज्यादा हैरान करने वाली बात ये है कि यहां पर 1-2 नहीं, काफी संख्या में चिड़िया सुसाइड करती हैं।

खुद को मार लेते हैं ये पक्षी
आमतौर पर आपने इंसाने के सुसाइड से जुड़े मामलों के बारे में सुना होगा, जानवरों में भी ये काफी हैरान करने वाली घटना होती है। बता दें कि यहां पर चिड़िया काफी तेज गति में उड़ती हैं और इमारत या पेड़ों से टकरा जाती हैं। इस टक्कर में उनको काफी चोट आ जाती है जिससे वो उड़ नहीं पातीं और बाद में उनकी मौत हो जाती है। यहां पर चिडियां सबसे ज्यादा आत्महत्याएं सितंबर से नवंबर के महीनों में करती हैं, तो वहीं शाम के 7 बजे से रात के 10 बजे तक यहां चिड़िया अपनी ही जान ले लेती हैं।

क्या है इस रहस्यमयी घटना का कारण
बता दें कि जातिंगा गांव प्राकृतिक कारणों के चलते राज्य के दूसरे शहरों से करीब 9 महीने के लिए कट जाता है। रात के समय में इस गांव में प्रवेश करना भी निषेध है। एक्सपर्ट्स के अनुसार, चिड़ियों का यहां .पर सुसाइड करने का मुख्य कारण ज्यादा मैगनेटिक फोर्स है। ये भी माना जाता है कि कोहरे से भरे मौसम में यहां पर हवाएं बहुत तेज चलती हैं, जिस वजह से चिड़िया लाइट के सोर्स के पास उड़कर जाती हैं और रोशनी नहीं होने के कारण उन्हें साफ नहीं दिख पाता है। इसलिए ही वे घरों, पेड़ों और गाड़ियों से टकरा जाते हैं। तो वहीं वहां के रहने वालों के अनुसार गांव में कोई बुरी शक्ति है जो पक्षियों को जीवित नहीं रहने देती है।