नई दिल्ली।दुनिया को चौकाने वाला रिसर्च डेनिश शोधकर्ताओं ने दुनिया के सामने लाया है। ये रिसर्च पक्षियों पर की गई, जिससे पक्षियों की दो नई प्रजातियां खोजी गई हैं। ये पक्षी दिखने में तो सामान्य पक्षियों जैसी हैं लेकिन ये आनुवंशिक विकास के कारण ये दोनों बेहद खतरनाक और घातक हैं। दरअसल ये पक्षी अपने पंखों में शक्तिशाली न्यूरोटॉक्सिन छिपा कर रखती हैं।

इन पक्षियों की खोज न्यू गिनी के जंगलोन में कई गई है। इन पक्षियों की सबसे बड़ी खासियत यह है कि ये ज़हरीला भोजन करती हैं और उसे जहर में बदलने की क्षमता विकसित कर चुकी हैं। रिसचर्स का दावा है कि इन दोनों प्रजातियों की पक्षी न केवल ज़हर को पचा जती हैं, बल्कि उन्हें अपने पंखों में एकत्रित भी कर सकती हैं, इन पक्षियों की यह गुण इन्हें असाधारण बनाते हैं।

डेनमार्क के प्राकृतिक इतिहास संग्रहालय के नुड जानसन ने बताया कि, पचीसेफला श्लेगेली प्रजाति से संबंधित हैं, जो इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में बड़े पैमाने पर विचरण करने वाली फैमिली से हैं।

यदि इन पक्षियों की तुलना दक्षिण और मध्य अमेरिका में पाए जाने वाले डार्ट मेंढकों से की जाए तो, दोनों में ये समानता पाई जाती है कि जरा सा छूने पर इंसान की जान चली जाए।

पक्षियों में बत्राचोटॉक्सिन (Batrachotoxin) नामक ज़हर पाया गया है। इसके बारे में आपको बतादें यह एक शक्तिशाली न्यूरोटॉक्सिन है, जो उच्च सांद्रता में, जैसे कि सुनहरे जहर वाले मेंढकों की त्वचा में पाया जाता है, संपर्क में आने के तुरंत बाद मांसपेशियों में ऐंठन और हृदय गति रुकने से इंसान की जान ले सकती है।

रिसचर्स कहते हैं कि पक्षी में पाए जाने वाला ज़हर बिल्कुल उसी प्रकार का होता है जो मेंढकों में पाया जाता है, जो एक न्यूरोटॉक्सिन है, जो किसी की भी मांसपेशियों में खतरनाक ऐंठन पैदा करने की शक्ति रखती है जिससे अंत में किसी की भी मौत हो सकती है।