महिलाओं को ईश्वर ने ममता की जो अनमोल धरोहर दी है। वह अन्य कहीं देखने में नहीं आती है। उसको वयां करने के लिए न तो कहीं शब्द मिलते हैं और न ही भावना। इसी प्रकार की ममता विश्नोई समाज की महिलाओं में भी देखी जाती हैं। वे जिस प्रेम और ममता से अपने बच्चों को पालती हैं, उतना ही प्रेम वे जानवरों से भी करती हैं। इसी के उदाहरण के रूप में वर्तमान में एक वीडियो तेजी से वायरक हो रही है। जिसमें विश्नोई समाज की एक महिला हिरन के बच्चे को अपना दूध पिलाती नजर आ रही है।

गुरु जम्भेश्वर ने चलाया था विश्नोई संप्रदाय

आपको बता दें की विश्नोई संप्रदाय का आरंभ गुरु जम्भेश्वर जी ने राजस्थान से किया था। उन्हें भगवान विष्णु का अवतार माना जाता है। उन्होंने मानव जीवन की उन्नति के लिए 29 वैदिक नियम बनाये थे। जिनका पालन विश्नोई समाज के लोग करते हैं। इन 29 नियमों में एक नियम “जीव दया पालनी, रूख लीलू नहीं घावे” भी है। इसका अर्थ जीव-जंतुओं तथा वृक्षों की रक्षा करना है। हालांकि पहले यह माना जाता था की विश्नोई समाज के लोग राजस्थान के रेगिस्तानी क्षेत्रों में रहते हैं लेकिन वास्तविकता यह है की विश्नोई समाज के लोग हरियाणा, पंजाब, यूपी तथा अन्य राज्यों में काफी बड़ी संख्या में कहते हैं।

363 लोग हुए थे शहीद

विश्नोई समाज के लोग प्रकृति तथा वन्य जीवो से निकट का संबंध रखते हैं। इतिहास बताता है की 1787 में जोधपुर रिसायत में वृक्षों को बचाने के लिए विश्नोई समाज के लोगों ने बड़ा प्रदर्शन किया था। इसमें पेड़ काटने के राजशाही आदेश के बदले में विश्नोई समाज के लोगों ने अपनी कुर्बानी दी थी। इस घटना में 363 लोग शहीद हुए थे। इसी की याद में प्रतिवर्ष राजस्थान में खेजड़ली मेला आयोजित किया जाता है। जिसमें बड़ी संख्या में लोग दूर दूर से आकर हिस्सा लेते हैं और शहीद हुए लोगों के प्रति अपनी श्रद्धांजलि देते हैं।

वायरल हुआ वीडियो

आपको बता दें की विश्नोई समाज की एक महिला का एक वीडियो इन दिनों काफी वायरल हो रहा है। इस वीडियो में यह महिला एक हिरण के बच्चे को स्तनपान कराती नजर आ रही है। इस वीडियो को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर Mahendra Bishnoi नामक हैंडल से शेयर किया गया है। वीडियो के कैप्श में लिखा गया है “बिश्नोइज्म., प्यार सबसे बड़ी दौलत हैं।” इस वीडियो पर अब तक 365.7K Views आ चुके हैं और 6 हजार से ज्यादा लोग इस वीडियो को लाइक कर चुके हैं।