नई दिल्ली।  विधानसभा चुनाव पूरे होने के बाद अब लोकसभा चुनाव को लेकर पूरे देश में सरगर्मी मची हुई है। जिसको लेकर राज्यों के नियमों में कई बड़े बदलाव किए जा रहे है। अब म.प्र. से लेकर उत्तर प्रदेश की सरकार ने 6 साल बाद एक बार फिर से रिटायरमेंट की आयुसीमा को बढ़ाने के निर्देश जारी किए है। इसको लेकर मंत्रालय में फाइल चल पड़ी है। अब सरकार कर्मचारियों के रिटायर होने की आयुसामी में बदलाव करने जा रही है। जिसे अब 3 साल की बढ़ाने को लेकर बात चल रही है।

रिटायरमेंट की आयु सीमा में बढ़ोत्तरी होने से इसका फायदा प्रदेश के 4 लाख से ज्यादा अधिकारी एवं कर्मचारियों को मिलेगा। संभवत: लोकसभा चुनाव होने से पहले मोहन सरकार ही नही यूपी सरकार भी इस पर फैसला ले सकती है। विधानसभा चुनाव में भाजपा ने संकल्प पत्र में सेवानिवृत्ति में एकरूपता किए जाने का वादा किया था, जिसे पूरा करने का समय आ गया है।

62 की उम्र में मिलेगा VRS का विकल्प

प्रांतीय चिकित्सा सेवा (पीएमएस) संवर्ग के इन चिकित्सकों को 62 साल की उम्र पर स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति होने का ऑप्शन दिया जाएगा. यदि वो अपना प्रशासनिक पद छोड़कर अस्पतालों में चिकित्सक के रूप में काम करते है तो फिर वे लोग तीन साल तक और सेवाएं देने के हकदार रहेगें।

संसदीय कार्य एवं वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि प्रशासनिक स्तर पर बैठे वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी अपनी 62  साल की आयु में ही रिटायर होंगे. उदाहरण के तौर पर जिला कुष्ठ रोग अधिकारी, जिला क्षय रोग अधिकारी, प्रधानाचार्य ट्रेनिंग सेंटर, महानिदेशक आदि 62 वर्ष के ही आयु में सेवानिवृत्त होंगे।

कैबिनेट ने प्रस्ताव को दी मंजूरी

कैबिनेट ने प्रांतीय चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवा संवर्ग के अंतर्गत कार्यरत लेवल 1, लेवल 2, लेवल 3, लेवल 4 तक के चिकित्सा अधिकारियों की सेवानिवृत्ति आयु 62 से बढ़ाकर 65 वर्ष किए जाने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई है। लेकिन, यह निर्णय प्रशासनिक स्तर पर बैठे वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारियों पर यह नियम लागू नहीं होगा।