नई दिल्ली। नए-नए वादों के साथ बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वाली प्राइवेट कोचिंग सेंटर पर केंद्र सरकार अब सख्त नियम लागू कर रही है जिसके चलते अब कोई भी कहीं भी, कहीं भी किसी भी तरह का प्राइवेट कोचिंग सेंटर नहीं खोल पाएगा। इसके लिए सबसे पहले उन्हें रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी होगा। इतना ही नही जारी किए गए नियमों के कोचिंग सेंटर में 16 साल से कम उम्र के बच्चों की पढ़ाई के लिए नामांकन नहीं होगा। नाही कोचिंग सेंटर किसी भी छात्र से मनमानी फीस वसूल कर सकेंगे।

मध्य प्रदेश के साथ अन्य राज्यो में भी यह नियम लागू हो चुका है। जिसमें अब 16 साल से कम उम्र के बच्चे कोचिंग में एंट्री नहीं कर पाएंगे। अगर कोचिंग संचालकों ने इस उम्र के बच्चों का दाखिला किया तो उनपर कार्यवाही तो होगी ही साथ ही कोचिंग बंद हो जाएगी, और एक लाख रुपये का जुर्माना भी भरना होगा।

मध्य प्रदेश के कोचिंग संचालकों ने केंद्र सरकार द्वारा बनाई गई इस  गाइडलाइन का स्वागत किया है। उनके अनुसार इस नियम के आन के बाद से ज्यादा सख्ती होगी। इसका सीधा फायदा स्टूडेंट्स को मिलेगा. इससे सुसाइड के मामलों में कमी आएगी। सरकार द्वारा जारी की गई नई गाइडलाइंस से बच्चे भी राहत महसूस कर रहे हैं।

केंद्र सरकार ने यह फैसला देश भर में NEET या JEE की तैयारी कर रहे छात्रों के बढ़ते सुसाइड मामलों को देखते हुे लिया है। जहां देश में बेलगाम कोचिंग सेंटर्स की मनमानी तेजी से बढ़ रही थी और अच्छी खासी कमाई कर रहे थे। गाइडलाइन के अनुसार, आईआईटी जेईई, एमबीबीएस, नीट जैसे प्रोफेशनल कोर्स के लिए कोचिंग सेंटरों के पास फायर और भवन सुरक्षा संबंधी एनओसी होनी चाहिए। परीक्षा और सफलता के दबाव को लेकर छात्रों की परेशानी दूर करने के लिए उन्हें मनोवैज्ञानिक और मानसिक स्वास्थ्य संबंधी सहायता भी उपलब्ध कराई जाए।