इस समय पूरे देश में लोकसभा चुनाव के कारण उथल-पुथल मची हुई है, सभी राजनीतिक पार्टीयां अपने-अपने प्रत्याशी उतार रहे हैं। राजनीतिक पार्टीयां सभी सीटों पर अपने उम्मीदवारों के नाम की घोषणा कर रहे हैं।

लेकिन कांग्रेस ने अब तक अपनी सीट अमेठी पर किसी उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है, ऐसे में गांधी परिवार के दामाद रॉबर्ट वाड्रा ने अमेठी को लेकर एक बड़ी बात कह दी है। जिसके बाद अंदाजा लगाया जा रहा है कि उनको इस सीट से उम्मीदवार घोषित किया जा सकता है। उन्होंने कहा है कि, मेरे लिए यह कहा जा रहा है कि मैं अमेठी या फिर देश के किसी भी कोने से प्रतिनिधित्व करूं।

एक इंटरव्यू में रॉबर्ट वाड्रा ने कहा, ‘अगर मैं सांसद बनने का फैसला करता हूं तो अमेठी के लोग मुझसे अपने निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने की उम्मीद करते हैं। वर्षों तक गांधी परिवार ने रायबरेली, अमेठी और सुल्तानपुर में कड़ी मेहनत की। अमेठी के लोग वास्तव में वर्तमान सांसद (स्मृति ईरानी) से परेशान हैं। लोगों को लगता है कि उन्होंने उन्हें चुनकर गलती कर दी है।’

उन्होंने आगे कहा कि ‘अमेठी के लोगों को यह एहसास हो गया है कि उन्होंने स्मृति जी को जिताकर गलती की है। वे चाहते हैं कि अब यहां से गांधी परिवार का कोई सदस्य चुनाव लड़े। वे मेरी तरफ उम्मीद भरी नजरों से देख रहे हैं। कांग्रेस पार्टी किसी को भी चुने, वह जरूर बीजेपी को टक्कर देगा।

वाड्रा ने आगे कहा, ‘चाहे गांधी परिवार से हो या कोई और कांग्रेस का उम्मीदवार हो, जो स्मृति ईरानी नहीं कर पाई, वह उसको करके, प्रगति लेकर आएगा और मेहनत करेगा। प्रियंका या बाकी लोगों की क्या सोच है उस बारे में अपनी कोई विशेष टिप्पणी नही दे सकता हूं।
उन्होंने आगे बताया कि हर तरफ से उनके उम्मीदवार बनने की मांग हो रही है कि वह (रॉबर्ट वाड्रा), अमेठी का प्रतिनिधित्व करे या देश के किसी और कोने का प्रतिनिधित्व करे क्योंकि मांग और पुकार गांधी परिवार और मेरे लिए हर जगह से आ रही है।

रॉबर्ट वाड्रा ने चुनाव लड़ने पर कहा, ‘अगर मैं राजनीति में आता हूं, या किसी क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करता हूं तो वहां प्रगति और गांधी परिवार की परंपरा बढे़गी और उसी क्षेत्र में मन लगाकर काम होगा। मैं हमेशा चाहता हूं कि प्रियंका सांसद बने संसद में आए फिर मैं भी आ सकता हूं, पर मुझे लग रहा है कि मैं जो भी बनूं, अपनी मेहनत से बनूं। सोनिया गांधी और कांग्रेस पार्टी के आशीर्वाद से हमेशा सांसदों-नेताओं से मिलना होता है वहां से उनकी पार्टी ज्वाइन करने के भी ऑफर आते हैं।’