आचार्य चाणक्य को एक महान विद्वान व्यक्ति माना जाता है। उनकी नीतियों की चर्चा आज भी होती रहती है। उन्होंने जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में अपने ज्ञान से बहुत सी चीजों को बताया है। जिन को अपनाकर कोई भी व्यक्ति एक सफल इंसान बन सकता है। आचार्य चाणक्य ने कुछ ऐसे कार्यों का वर्णन भी किया है।

जिनको पुरुष तथा महिलाओं को अलग अलग करना चाहिए। यदि महिला तथा पुरुष इन कार्यों को एक साथ करते हैं तो इनको काफी समस्या का सामना करना पड़ सकता है। आज हम आचार्य चाणक्य के बताये गए ऐसे ही तीन कार्यों के बारे में यहां आपको बता रहें हैं।

एक साथ न करें तपस्या

आचार्य चाणक्य बताते हैं की पुरुष तथा महिला को एक साथ कभी तपस्या नहीं करनी चाहिए अन्यथा दोनों का ध्यान भटक सकता है। आचार्य चाणक्य कहते हैं कि यदि तपस्या के माध्यम से किसी ख़ास लक्ष्य को हासिल करना होता है तो भी दोनों को एक साथ तपस्या नहीं करनी चाहिए।

पढ़ाई भी अलग अलग करें

आचार्य चाणक्य कहते हैं कि यदि दो या दो से ज्यादा लोग एक साथ पढ़ाई हैं तो भी ध्यान भटकता है। अतः कभी भी ज्यादा लोगों को एक साथ बैठकर पढ़ाई नहीं करनी चाहिए। यदि स्त्री तथा पुरुष पढ़ाई कर रहें हैं तो दोनों को अलग अलग बैठकर पढ़ाई करनी चाहिए।

एक दूसरे के सामने न बदलें कपडे

आचार्य चाणक्य बताते है की स्त्री या पुरुष को एक दूसरे के सामने कपड़े नहीं बदलने चाहिए। इसके अलावा ऐसी स्त्री को कभी नहीं देखना चाहिए जो अपने कपडे बदल रही हो या उन्हें ठीक कर रही हो।

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साथ मिलकर करें ये काम

आचार्य चाणक्य बताते हैं कि कभी किसी के साथ लड़ाई झगड़ा नहीं करना चाहिए। यदि लड़ाई झगडे की नौबत आ जाए तो कभी अकेले नहीं जाना चाहिए। किसी भी लड़ाई में उसी की जीत होती है जिसकी संख्या ज्यादा होती है अतः लड़ने जाए तो अधिक से अधिक संख्या बल के साथ जाएं।