नई दिल्‍ली : कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्‍यक्ष एवं वायनाड से पूर्व लोकसभा सदस्य राहुल गांधी की लोकसभा से  सदस्‍यता खत्म हो गई है। दरअसल राहुल गांधी जब कर्नाटक के कोलार में 13 अप्रैल 2019 को चुनावी सभा कर रहे थे उस समय उन्होंने सार्वजनिक तौर पर पूरे मोदी समुदाय पर अभद्र टिप्पणी की थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि  ”नीरव मोदी, ललित मोदी, नरेंद्र मोदी का सरनेम कॉमन क्यों है? सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है?” राहुल की इस टिप्पणी पर बीजेपी विधायक और पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने राहुल गांधी पर धारा 499, 500 के तहत आपराधिक मानहानि का मामला दर्ज कराया था। अपनी शिकायत में पूर्णेश मोदी ने राहुल पर आरोप लगाते हुए कहा था कि 2019 में चुनावी रैली को संबोधित करते उन्होंने पूरे मोदी समुदाय को कथित तौर पर बदनाम किया था कि “(सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है?)”

यह मामला सूरत कोर्ट में चला और 2 साल बाद इस पर अदालत ने फैसला सुनाते हुए आर्टिकल 102(1)(e) के तहत 23 मार्च को राहुल गांधी को दोषी करार दिया और उन्हे 2 साल की सजा सुनाई। ये फैसला आने के बाद  लोकसभा सचिवालय ने जनप्रतिनिधि कानून के मुताबिक, जिसमें यदि सांसद या विधायक किसी मामले में 2 साल या उससे अधिक की सजा पाते हैं तो उनकी सदस्यता (संसद और विधानसभा से) रद्द हो जाती है। इसी के आधार पर राहुल गांधी की संसद की सदस्यता रद्द कर दी गई है।

ऐसा नहीं है कि राहुल गांधी की सदस्‍यता नहीं बच सकती है अभी उनके पास कई रास्ते हैं अपनी दस्यता बचाने के लिए। सजा सुनाने के बाद सूरत कोर्ट ने उन्हें तत्काल जमानत देते हुए ऊपरी अदालत में अपील करने का 30 दिन का समय दिया है, यदि वहां भी सजा बरकरार रहती है तो पहले हाई कोर्ट और बाद में वे सुप्रीम कोर्ट का भी दरवाजा खटखटा सकते हैं।