नई दिल्ली। कर्मफलदाता और न्याय के देवता भगवान शनिदेव व्यक्ति को कर्मों के अनुसार फल देते हैं। जिनकी चाल धीमी होने से इनकी दृष्टि का असर लंबे समय तक बना रहता है। इसी कारण हर एक राशि पर इनका असर साढ़े सात साल तक बना रहता हैं। शनि ग्रह की साढ़े साती पड़ने से व्यक्ति का जीवन अस्तव्यस्त हो जाता है। अब क बार फिर ये दो राशि शनि ग्रह के प्रभाव से ग्रसित होने वाली है।  आइए जानते हैं कि मेष से लेकर मीन राशि में कब तक रहेगी शनि की साढ़े साती ।

 शनि की स्थिति

ज्योतिष गणना के अनुसार, शनि ग्रह 12 जुलाई को सुबह 10 बजकर 27 मिनिट में मकर राशि में गोचर हुआ था। जिसके बाद शनि वक्री होते हुए 23 अक्टूबर को मकर राशि में प्रवेश किए थे। अब नए साल 2024 की 17 जनवरी को कुंभ राशि में प्रवेश कर जाएंगे। इसके बाद 29 मार्च 2025 को शनि मकर राशि में प्रवेश करेंगे।

मेष से लेकर मीन राशि तक कब तक रहेगी शनि की साढ़े साती

मेष राशि में शनि की साढ़ेसाती

29 मार्च 2025 से 31 मई 2032 तक

वृषभ राशि में शनि की साढ़े साती
3 जून 2027 से 13 जुलाई 2034 तक

मिथुन राशि शनि की साढ़ेसाती

8 अगस्त 2029 से 27 अगस्त 2036 तक

कर्क राशि पर शनि की साढ़ेसाती

31 मई 2032 से 22 अक्टूबर 2038 तक

सिंह राशि पर शनि की साढ़ेसाती

13 जुलाई 2034 से 29 जनवरी 2041 तक

कन्या राशि पर शनि की साढ़ेसाती

27 अगस्त 2036 से 12 दिसंबर 2043 तक

तुला राशि पर शनि की साढ़ेसाती

22 अक्टूबर 2038 से 8 दिसंबर 2046 तक।

वृश्चिक राशि पर शनि की साढ़ेसाती

28 जनवरी 2041 से 3 दिसंबर 2049 तक

धनु राशि पर शनि की साढ़ेसाती

12 जुलाई 2022 को शनि मकर राशि में वक्री हुए थे तब से धनु राशि में साढ़े साती चल रही है। इसके बाद 17 जनवरी 2023 को साढ़े साती से निजात मिलेगा। फिर 12 दिसंबर 2043 से 3 दिसंबर 2049 तक रहेगी।

मकर राशि पर शनि की साढ़ेसाती

मकर राशि में शनि की साढ़े साती 26 जनवरी 2017 को शुरू हुई थी, जो 29 मार्च 2025 को समाप्त होगी।

कुंभ राशि पर साढ़ेसाती का प्रभाव

कुंभ राशि पर शनि की साढ़े साती 24 जनवरी 2022 को शुरू हुई थी जो 3 जून 2027 तक होगी। लेकिन पूर्ण रूप से 23 फरवरी 2028 को समाप्त होगी।

मीन राशि पर शनि की साढ़ेसाती

29 अप्रैल 2022 से शनि की साढ़े साती शुरू हुई थी और 29 मार्च 2025 को समाप्त होगी। लेकिन साढ़े साती से छुटकारा 17 अप्रैल 2030 को मिलेगा।