नई दिल्ली। अक्सर नोट में आपने 786 नंबर देखा होगा, जिसे इस्लाम धर्म के लोग बेहद ही शुभ मानते है। उनकी नजर में इस अंक 786 का बहुत महत्व है। इसलिए इस नोट को खरीदने के लिए वे लोग मुंहमांगी कीमत देने तक को तैयार हो जाते है। इतना ही नही इस नम्बर की गाड़ियों के रेट भी काफी मंहगे होते है। लेकिन इस बात को बहुत कम लोग जानते होगें कि यह नम्बर केवल मुस्लिम के लिए ही शुभ नही है, बल्कि हिंदू धर्म में इसका महत्व काफी ज्यादा है। आपको जानकर हैरानी होगी कि 786 नंबर का संबंध भगवान श्रीकृष्ण से जुड़ा है।

मुस्लिम धर्म में जिस तरह से इस 786 नंबर को बिस्मिल्लाह के साथ जोड़ते हैं। कहते हैं कि अरबी या उर्दू में ‘बिस्मिलाह-उर रहमान-उर रहीम’ को लिखने पर उसका योग 786 आता है। यही वजह है कि इस नंबर को इस्लाम धर्म में बेहद पवित्र मना जाता है।

वही सके दूसरे रूप में देखा जाए तो शोधकर्ता राफेल पताई ने’ द जीविस माइंड’ नाम की किताब में लिखा है कि यदि हिंदी में 786 (७८६) नंबर की आकृति पर गौर किया जाए तो यह बिल्कुल संस्कृत में लिखा हुआ ‘ॐ’ दिखाई देगा।

माना जाता है कि 786 नंबर का संबंध सीधे भगवान श्रीकृष्ण से भी जुड़ा है। पुराणों के अनुसार, श्रीकृष्ण सात छिद्रों वाली बांसुरी को अपने हाथों की तीन-तीन यानी छह अंगुलियों से बजाया करते थे और वे देवकी के आठवें पुत्र थे। इन तीनों अंकों को जोड़ें तो कुल योग 786 बनता है।