देश में ओल्ड पेंशन स्कीम को फिर से बहाल करने की मांग ने तेजी पकड़ ली है, और पिछले दिनों दिल्ली के रामलीला मैदान में देशभर से आए सरकारी कर्मचारियों ने धरना प्रदर्शन कर पेंशन को बहाल करने का दबाव बनाया था। बीते 11 दिसंबर, 2023 को संसद में केंद्र सरकार से भी ओल्ड पेंशन स्कीम के बहाली को लेकर सवाल पूछा गया था। सरकार ने इस पर जवान देते हुए कहा था कि उसे कई दफा ओल्ड पेंशन स्कीम को बहाल करने का अनुरोध पत्र मिलता आया है। लेकिन सरकार ने इस बात को भी क्लियर कर दिया कि 1 जनवरी 2004 या उसके बाद नियुक्त हुए केंद्रीय कर्मचारियों के लिए ओल्ड पेंशन स्कीम को फिर से बहाल करने का कोई भी प्रस्ताव नहीं आया है।

लोकसभा में सांसद ए गणेशमूर्ति और ए राजा ने केंद्र सरकार से सवाल करते हुए पूछा कि क्या सरकारी कर्मचारियों के एसोसिएशन ने योगदान वाले पेंशन स्कीम की जगह आखिरी वेतन के आधार पर दिये जाने वाले ओल्ड पेंशन स्कीम को फिर से बहाल करने की मांग की है और इन मांगों पर सरकार का क्या रुख है?
जिसका जवाब देते हुए वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने कहा कि, एक जनवरी 2004 को या उसके बाद नियुक्त हुए कर्मचारियों को ओल्ड पेंशन स्कीम को फिर से बहाल करने का कोई प्रस्ताव नहीं है।

वित्त राज्यमंत्री ने कहा, सरकार को ओल्ड पेंशन स्कीम को बहाल करने को लेकर अनुरोध पत्र मिलता रहता है। उन्होंने बताया कि, नेशनल पेंशन सिस्टम को 22 दिसंबर 2003 को नोटिफिकेशन जारी कर लागू किया गया था। उसके बाद से सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों के लिए एनपीएस को बेहतर बनाने और उनके हितों की रक्षा के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं। जिसमें पे + डीए को मिलाकर सरकार के योगदान को 10 फीसदी से बढ़ाकर 14 फीसदी किया गया था। कर्मचारियों को पेंशन फंड चुनने का विकल्प भी उपलब्ध था। लोगों को निवेश के पैटर्न का चुनाव करने, 2004-12 के बीच एनपीएस में योगदान ना देने या भुगतान में देरी पर मुआवजे का प्रावधान भी दिया गया है।

इसके अलावा एनपीएस में योगदान को इनकम टैक्स के सेक्शन 80 सी के तहत टैक्स छूट के दायरे में लाया गया है। इसके अलावा एनपीएस से बाहर आने पर एक बार की रकम के विड्रॉल पर मिलने वाले टैक्स छूट को 40 फीसदी से बढ़ाकर 60 फीसदी कर दिया गया।वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने बताया कि वित्त सचिव की अध्यक्षता में एक कमिटी का गठन किया गया है, जो नेशनल पेंशन सिस्टम के अंतर्गत केंद्रीय कर्मचारियों के पेंशन के मुद्दे का अध्ययन कर रही है।