नई दिल्ली: कृष्ण जन्माष्टमी का खास त्यौहार पूरे देश में भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन के खास मौके पर लोग मंदिरों में इक्ट्ठा होकर अपने अराध्य कृष्ण भगवान का जन्मोत्सव बड़े ही धूमधाम के साथ मनाते है। भगवान की कृष्ण का जन्म इस दिन रोहिणी नक्षत्र के समय हुआ था। धार्मिक मान्यताओं की मानें रोहिणी नक्षत्र में कृष्ण जी की साधना करने आपकी सारी समस्या भगवान तुंरत ही हर लेते है।

शुभ योग पर कृष्ण जन्माष्टमी (Shubh Yog Par Krishna Janmasthami)

साल 2023 में उदया तिथि के मुताबिक 7 सितंबर के दिन कृष्ण जन्माष्टमी का व्रत भक्तगणों के द्वारा रखा जाएगा। और मध्य रात्रि रात्रि 12 बजे कृष्ण जन्मोत्सव की धूम रहेगी। 7 सितंबर के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है। सर्वार्थसिद्धि योग ऐसा योग है, जिसमें आप जिस किसी काम की शुरूआत करेंगे उसमें पको सफळता जरूर मिलेगी। जब आपके की काम के लिए कोई विशेष मुहूर्त नहीं मिलता तब इस योग में सभी प्रकार के कार्य के जाने का विधान होता है।.

सर्वार्थसिद्धि योग सोमवार, शुक्रवार को पड़ें, तो वस्त्र, आभूषण जैसी वस्तुएं खरीदना चाहिए। इसीलिए इस साल सर्वार्थ सिद्धि योग बेहद शुभ रहेगा। इस योग में की गई पूजा-अर्चना का शुभ फल मिलता है. चंद्रमा वृषभ राशि में होंगे। साथ ही रोहिणी नक्षत्र को चंद्रमा की पत्नी माना जाता है. ग्रहों की दशा से मानें तो आज के दिनश्रीकृष्ण की पूजा के लिए काफी शुभ माना गया है। आज के दिन कृष्ण आराधना करने से आपको मनोवांछित फल की प्राप्ति होगी।

शुभ मुहूर्त (Shubh Muhurat)

कृष्ण जन्माष्टमी के दिन 7 सितंबर 2023, गुरूवार के दिन दोपहर 3:37 मिनट पर अष्टमी तिथि प्रारंभ होगी, जो 8 सितंबर की शाम 4.14 बजे समाप्त होगी।

जन्माष्टमी के दिन पूजन का शुभ समय रात्रि 11:56 मिनट से लेकर – 12:42 मिनट तक रहेगा.

इस काल के दौरान श्री कृष्ण के बाल गोपाल स्वरुप की पूजा-अर्चना कर सकते हैं।