नई दिल्ली। पाकिस्तान इन दिनों घोर आर्थिक संकट के दौर से गुज़र रहा है। जिसके चलते इस देश में खाने के लाले पड़े हुए हैं। पाकिस्तान में महंगाई रिकॉर्ड तोड़ स्तर पर पहुच गई है। कई इलाकों में तो पैसा खर्च करने के बाद भी सामान नहीं मिल पा रहा है। पाकिस्तानी मुद्रा का तेजी से अवमूल्यन हो रहा है। आम अवाम त्राहि-त्राहि कर रही है। दूसरी ओर पाकिस्तान में औद्योगिक ढांचा पूरी तरह से चरमरा गया है। सुजुकी की जो ऑल्टो कार भारत में 4 से 5 लाख में आसानी से मिल जाती है उसी ऑल्टों के लिए पाकिस्तानियों को अब 22 लाख 50 हजार पाकिस्तानी रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं। सुजुकी की ऑलटाइम हिट कार यदि स्विफ्ट की बात करें तो इसकी कीमत 50 लाख के आसपास पहुंच गई है। कार से हट कर यदि सुजुकी के बाइक की कीमत देखें तो सुजुकी की GD110S बाइक की कीमत भी आसमान छू रही है, ये बाइक 322,000 रुपये में बिक रही है।
पाकिस्तान में महंगाई का ये हाल है कि सुजुकी कंपनी ने अपने कारों की कीमते चौथी बार बढ़ा दी हैं। अब तो पाकिस्तान में विदेशी मुद्रा भंडार भी खत्म होने की कगार पर है। इसका असर पाकिस्तान के आयात पर भी पड़ रहा है। अब इतने डॉलर भी नहीं बच पाए हैं वहां आवश्यक वस्तुओं का आयात किया जा सके। सुजुकी कंपनी के सूत्रों की माने तो अब कंपनी को आयात करने की इजाज़त भी नहीं मिल रही है, जिसका असर कार के प्रोडक्शन पर पड़ रहा है। यदि हालात नहीं सुधरे तो यहां कंपनी बंद करने की नौबत तक आ सकती है। वैसे भी सुजुकी कंपनी को अरबों रुपये का घाटा लग चुका है। अब तो पाकिस्तान की सबसे बड़ी तेल रिफाइनरी कंपनी भी बंद होने की कगार पर है।
डिफॉल्ट होने की कगार पर पहुंचा पाकिस्तान !
पाकिस्तान में हवा-हवाई बातों से हट कर वहां की सरकार के ज़िम्मेदार मंत्री ने तो चेताया है कि देश में गैस का रिजर्व खत्म होने की कगार पर है, अब अवाम को 24 घंटे गैस दे पाना संभव नहीं है, गैस की कीमतों में भी बदलाव करना पड़ सकता है। गरीबों को सब्सिडी तो अमीरों को वास्तविक मूल्य पर देना पड़ेगा। सच तो यह है कि पाकिस्तान इन दिनों गंभीर आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहा है। आईएमएफ भी पाकिस्तान की गुहार को अनसुना कर कोई जवाब नहीं दे रही है।
कर्ज में फंसा पाकिस्तान
पाकिस्तान बिगड़े हुए हालात को संभालने के लिए कई देशों से कर्ज की गुहार लगा रहा है लेकिन उसकी फरियाद कोई नहीं सुन रहा है। हालांकि बीते दिनों सऊदी अरब ने 2 अरब डॉलर की मंजूरी दी है, पर यह रकम भारी-भरकम कर्ज के आगे कुछ भी नहीं है। दूसरी ओर जानकार मान रहे हैं कि पाकिस्ता तेजी से डिफॉल्ट होने की ओर जा रहा है। पर मौकापरस्त चीन अपना मतलब साधने के लिए पाकिस्तान को कर्ज के जाल में फंसाता जा रहा है। आईएमएफ पाकिस्तान सरकार से खर्चे में कटौती करने को कह रही है तो प्रधानमंत्री शहबाज खान आने वाले आम चुनावों को देखते हुए नागरिकों को तेल पर सब्सिडी का लॉलीपॉप देने वाली है।