नई दिल्ली. 8वें वेतन आयोग को लेकर संशय लगभग साफ़ होता दिखाई दे रहा है। वेतन आयोग ने कर्मचारियों की सैलरी को 3 गुना करने की सिफारिश की है। केंद्र सरकार को आयोग की बातें मानने पर विचार करना है। चुनावों को ध्यान में रखकर सिफारिशों को थोड़ा बल दिया जा सकता है। अगर सिफारिशों को मंजूरी दे जी जाती है, तो छठवें वेतन आयोग से भी ज्यादा तनख्वाह मिलेगी।

वर्तमान में केंद्र सरकार के 50 लाख से ज्यादा कर्मचारी और 70 लाख पेंशनभोगी 8वें वेतन आयोग से जुड़ी घोषणा का इंतजार कर रहे हैं. सातवां वेतन आयोग (Seventh Pay Commission) 2014 में बना था और 2016 से लागू हुआ था. तब फिटमेंट फैक्टर 2.57 रखा गया था, जिससे बेसिक सैलरी में औसतन 23.5 फीसदी का इजाफा हुआ था. अगर 8वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर बढ़ाकर 3 या उससे ज्यादा कर दिया जाता है, तो सैलरी में करीब तीन गुना तक का असर देखने को मिल सकता है.

Type of salary hike

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 8वें वेतन आयोग के तहत सैलरी हाइक तय करने में पांच बड़े फैक्टर अहम होंगे. फिटमेंट फैक्टर, डीए मर्जर, महंगाई दर, सरकारी राजस्व की स्थिति और पेंशनर कॉस्ट. फिलहाल महंगाई भत्ता (DA) 46 फीसदी तक पहुंच चुका है और हर 6 महीने में संशोधित होता है. संभव है कि आयोग महंगाई भत्ते और बेसिक पे को एक साथ जोड़ने की सिफारिश करे, जिससे इनकम में बड़ा उछाल दिखे.

संविधान के तहत केंद्र सरकार किसी भी वेतन आयोग की सिफारिशों को ‘अनिवार्य रूप से लागू करने’ के लिए बाध्य नहीं है. लेकिन परंपरा यही रही है कि सरकारें सिफारिशों में बड़े बदलाव नहीं करतीं. चाहे छठे वेतन आयोग (Sixth Pay Commission) की बात हो या सातवें की, ज्यादातर सिफारिशें लागू की गईं, हालांकि कुछ संशोधनों के साथ. ऐसे में अगर 8वां आयोग सैलरी में तीन गुना तक की बढ़ोतरी की बात कहता है, तो सरकार उसे पूरी तरह नजरअंदाज नहीं कर पाएगी.

कब तक लागू होगा 8th pay commission

8वें वेतन आयोग को अगले 18 महीने में सिफारिशे देने के लिए कहा गया है. सिफारिश जितनी जल्दी आएगी सरकार को खजाने पर बोझ उतना कम पड़ेगा. क्योंकि 1 जनवरी 2026 से नया वेतन लागू माना जाएगा, जितने महीनों की देरी होती जाएगी, बढ़ा हुआ वेतन एरियर के तौर पर कर्मचारियों को देना होगा.