Chanakya Niti: हिन्दू धर्म में बहुत सी मान्यता है जो काफी प्रचलित है. उन्ही में से एक है दान का. दरअसल दान के धर्म को भी बेहद शुभ मानते है. कहा जाता है दान से बड़ा कुछ नहीं है. हमारे हिन्दू धर्म में कहा तो ये भी जाता है की जो लोग भी जरूरतमंद को दान करते है उनका बहुत ही भला होता है. उनका मान सम्मान बढ़ता है. दरअसल आचार्य चाणक्य के द्वारा लिखे गए नातिशास्त्र में दान से जुड़ी कई सारी बातें के बारे में लिखा गया है. चलिए आपको बताते हैं की आचार्य चाणक्य के नीतिशास्त्र में वर्णित दान के नियम के बारे में बताया गया है.

दान-पुण्य

आपकी जानकारी के लिए बता दे आचार्य चाणक्य के हिसाब से कभी कभी व्यक्ति को धर्म-कर्म के कामों में पैसा खर्च करना चाहिए. इसके लिए आपको कंजूसी नहीं करनी चाहिए और न ही हिचकिचाना चाहिए. यही नहीं आचार्य के हिसाब से हर इंसान को अपने जीवन काल में किसी मंदिर या तीर्थ स्थान पर दान जरूर करना चाहिए. आप अगर दान करेंगे तो आपको पोजिटिव देखने को मिलेगा.

गरीबों को दान दें

बता दे आचार्य चाणक्य के हिसाब से कभी भी किसी भी व्यक्ति को बेसहारा या किसी जरूरतमंद की मदद करना चाहिए. इसे पीछे नहीं हटना चाहिए. अगर आपको जरूरत की चीजें हमेशा दान करना चाहिए. ऐसा करने से आपको सामान में मान-सम्मान में बढ़ता है.

विद्या भी दान करें

यही नहीं हिंदू धर्म में विद्या का दान सबसे बड़ा दान माना गया है. आचार्य चाणक्य के हिसाब से विघा दान, भू दान, वस्त्र दान, अन्न दान और गो दान सबसे सर्वोत्तम श्रेणी माने जाते है. आपको जानकर हैरानी होगी की ये एक ऐसा दान होता है जो कभी खत्म ही नहीं होता है. दरअसल विद्या का दान करने से इंसान का मानसिक विकास किया जाता है जिससे वो जीवन की हर बाधा करने में सक्षम बनता है.