यदि आप एक बार 10,000 रुपए लगाकर साल भर कमाना चाहते हैं तो आपके लिए पुदीने की खेती (peppermint farming) सबसे ज्यादा फायदेमंद हो सकती है। जी हां, मध्यप्रदेश के दतिया जिले पिटसूरा गांव के रहने वाले बृजेश पटेल ने यह कर दिखाया है और आप भी ऐसा कर सकते हैं।

किसान ऑफ इंडिया से बात करते हुए उन्होंने बताया कि उन्होंने पहली बार गेहूं और धान की खेती छोड़कर पुदीने की खेती की और इसमें उन्हें जबरदस्त फायदा हुआ। वह बताते हैं कि उन्होंने अपने चार बीघा खेत में लगभग 8 से 10 मजदूरों को बुलाकर पुदीने की फसल लगवाई। दो पौधों के बीच में थोड़ा-थोड़ा फासला रखा और इसमें दवाई और DAP खाद का छिड़काव किया। इस पूरे प्रोसेस में उन्हें कुल 6 हजार रुपए का खर्चा हुआ, इसके बाद उन्होंने 15 से 20 दिन बाद मजदूर लगाकर खरपतवार हटवाई जिसमें उन्हें फिर से 4 हजार रुपए का खर्चा आया। इस तरह उन्होंने लगभग दस हजार रुपए लगाकर खेती आरंभ की।

पुदीने की फसल (peppermint farming) तैयार होने में लगभग 3 से 4 महीने का समय लगा। इसके बाद उन्होंने पुदीना कटवा कर पास के गांव में जाकर पुदीने का तेल निकवाया। चार बीघा में उगे पुदीना से लगभग 50 से 52 लीटर तेल निकला जो बाजार में आराम से 1000 से 1200 रुपए प्रति लीटर तक बिकता है। उसके बाद बचे हुए पुदीने की जड़ों से ही फिर से फसल रोप दी और एक्स्ट्रा पुदीना को बाजार में बेच कर लगभग दस हजार रुपए कमा लिए। इस तरह वह प्रत्येक तीन से चार महीने में लगभग 50,000 से 55,000 रुपए तक कमा लेते हैं जो पूरे साल में न्यूनतम डेढ़ लाख रुपए से दो लाख रुपए तक की कमाई हो जाती है।

ये हैं पुदीना की खेती (peppermint farming) के फायदे

इस खेती में लागत बहुत कम आती है, इसमें दोबारा फसल उगाने के लिए खाद की जरूरत नहीं होती और सबसे बड़ी बात, इस खेती को न जानवर खाते हैं और न ही पक्षी खाते हैं तो खेती को बचाने के लिए भी कोई उपाय नहीं करना पड़ता। इसमें सारसंभाल भी बहुत कम करनी पड़ती है लेकिन मुनाफा पूरा मिलता है।