आपको बता दें की दिल्ली सरकार के दो बड़े अफसरों पर एफआईआर दर्ज की गई है। इन दोनों अधिकारियों के खिलाफ उत्तराखंड के अल्मोड़ा कोर्ट ने एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया था। दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार और विजिलेंस विभाग के स्पेशल सेक्रेट्री राजशेखर नामक इन दोनों अफसरों पर एफआईआर दर्ज की गई है। जाँच के बाद में दिल्ली सरकार ने इन दोनों अफसरों के खिलाफ SC/ST एक्ट तथा साजिश रचने के आरोप में मामला दर्ज कराया है।

ये हैं दोनों पर आरोप

आपको बता दें की दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव नरेश कुमार और विजिलेंस विभाग के स्पेशल सेक्रेट्री राजशेखर पर एक एनजीओ के ऑफिस से सबूत नष्ट करने के आरोप लगे हैं। एफआईआर में आरोप है की इन दोनों अधिकारियों ने एनजीओ के सबूतों को नष्ट कराया। जिसके आधार पर एनजीओ इन दोनों अधिकारियों के भ्रष्टाचार से जुडी शिकायत लगातार कर रहा था।

एफआईआर के मुताबिक इन दोनों अधिकारियों के खिलाफ प्रधानमंत्री, गृह मंत्री, गृह सचिव और संबंधित अधिकारियों को शिकायतें दी गई थीं। जिनको वापस लेने के लिए दबाव बनाया गया। एफआईआर में एक दिन चार लोग एनजीओ पहुचें तथा दोनों अधिकारीयों से सम्बंधित जुड़े दस्तावेज, रिकॉर्ड, पेन ड्राइव और साथ में 63,000/- रुपये उनके छीन लिए।

जातिवादी टिप्पणी का भी आरोप

एफआईआर में कहा गया है की ये चारों लोग जबरन एनजीओ के दफ्तर में घुसे थे तथा दिल्ली के दोनों अधिकारीयों के खिलाफ शिकायत को पावस लेने का दबाव बना रहे थे। इसके साथ ही इन लोगों ने शिकायतकर्ता के साथ जातिगत टिप्पणी भी की थी। आपको बता दें की एफआईआर में जिस एनजीओ का जिक्र है वह दिल्ली में रजिस्टर्ड है। यह एनजीओ अल्मोड़ा के ग्राम डाडाकाडा, पटवारी क्षेत्र गोविन्दपुर में एक धर्मार्थ विद्यालय भी चला रही है। यहां शिकायतकर्ता के संगठन का कार्यालय भी है।

इन धाराओं में दर्ज है मामला

बता दें की उत्तराखंड की अल्मोड़ा कोर्ट ने इन दोनों अधिकारियों के खिलाफ न सिर्फ एसटी/एससी में बल्कि 392, 447, 120b, 504, 506 की धाराओं में एफआईआर दर्ज कराई है। एफआईआर में इन दोनों अधिकारीयों पर धमकी देने का गंभीर आरोप भी लगाया गया है।