नई दिल्ली। ग्रामीण क्षेत्रों में इन दिनों किसानी के साथ साथ लोग पशुपालन के व्यवसाय से भी जमकर कमाई कर रही है। जिसमे लोग गाय भैंस के साथ च्छी नस्ल की बकरी पालकर जमकर कमाई कर रहे है। यदि आप भी पशुपालन के व्यवसाय से जुड़ना चाहते है तो कम खर्चे में ज्यादा मुनाफे वाला व्यवसाय बकरी पालन बन गया है। जिसमें  अच्छी नस्ल की बकरी पालने (Goat Farming)से आपको अच्छा खासा मुनाफा मिलेगा। आज हम आपको कुछ ऐसी ही नस्ल की बकरियों के बारे में बता रहे है जिसको पालने से आप आप बंपर कमाई कर सकते है। इसके लिए बरबरी या जमुनापारी  नस्ल की बकरी बहुत अच्छी है. कुछ पशुपालक सिरोही और बीटल नस्ल भी पालते हैं।

बरबरी नस्ल की बकरी की खासियत

यदि आप बरबरी नस्ल की बकरी से अपना व्यवसाय शुरू कर रहे हैं, तो इसे गर पर पालना काफी असान है। इस नस्ल की बकरी साल में दो बार बच्चे देती है जिसमें एक बार में 2 या 4 बच्चें पैदा होते है।.

बरबरी नस्ल की बकरी पालने का सही तरीका

बरबरी बकरियां को पालने के लिए नमी वाली जगह की जरूरत पड़ती है। उन्हें चरने के लिए खुला मैदान होना चाहिए। जिस स्थान पर इन्हें बांधा जाए वो स्थान साफ-सुथरा होना चाहिए। एक शेड में कम से कम 7-8 बकरियां रखनी चाहिए. बारबरी नस्ल की बकरियां का खाना झाड़ियां, पेड़ की पत्तियां, अनाज, ग्वार की भूसी और मूंगफली का चारा होता हैं।

जमुनापारी बकरी को पालने का तरीका

भारत में उत्तर प्रदेश के इटावा जिले में पाई जाने वाली जमुनापारी बकरी यमुना नदी के आसपास ज्यादा देखन को मिलती है इसी कारण इस बकरी का नाम जमुनापारी बकरी कहा जाता है। इस नस्ल की बकरी से किसानों को अच्छा मुनाफा मिलता है क्योंकि जमुनापारी बकरी दूध के साथ मांस भी अधिक देती है. जमुनापारी नस्ल की बकरी का रंग सफेद होता है। इसकी सींग छोटी होने के साथ बाल काफी लंबे होते है। इन बकरियों के कान बड़े और मुड़े हुए होते हैं. ये बकरियां अन्य नस्लों के मुकाबले ऊंची और लंबी होती हैं.

जमुनापारी बकरी की विशेषताएं

जमुनापारी बकरी अपने पूरे जीवनकाल में 12 से 14 बच्चों को जन्म देती है। और ये बकरियां प्रतिदिन 1.5 से 2 लीटर दूध देती हैं। इस बकरी का दूध स्वादिष्ट और गुणकारी होता है। बाजारों में इस नस्ल की बकरी के मांस की डिमांड काफी ज्यादा रहती है।इन बकरों की कीमत करीब 15 से 20 हजार रुपये तक है।