आपको बता दें की बीते मंगलवार को वित्त मंत्रालय ने सोने और चांदी के सिक्कों तथा अन्य कीमती धातुओं के सिक्कों पर आयात शुल्क बढ़ा दिया है। अब आयात शुल्क को 15% कर दिया गया है। वित्त मंत्रालय का कहना है की विभिन्न प्रकार की सोने और चांदी की वस्तुओं के बीच मध्यस्थता की खामियों को दूर करने के लिए ऐसा किया गया है।

इतना बढ़ा आयात शुल्क

जानकारी दे दें की सोने तथा चांदी के आभूषणों के घटक जैसे हुक, क्लैप्स, क्लैंप, पिन, स्क्रू आदि पर आयात शुल्क को बढ़ाया गया है। इनका उपयोग आभूषण के एक टुकड़े या पूरे आभूषण के लिए किया जाता है। अब सरकार ने इन पर सोने की छड़ के बराबर ही आयात शुल्क कर दिया गया है। आपको बता दें की सोने की छड़ों पर 15 प्रतिशत तथा चांदी की छड़ पर 11 प्रतिशत शुल्क लगता है। एक अधिकारी का कहना है की पिछले दो माह में सोने के आयात में काफी वृद्धि देखी गई है इसी कारण मध्यस्थता शुल्क को बढ़ाया गया है।

आयात शुल्क में बदलाव का कारण

आपको जानकारी दे दें की सोने तथा चांदी के आयात शुल्क में जो वृद्धि हुई है। वह कृषि अवसंरचना विकास उपकर (एआईडीसी) लगाने तथा 1 प्रतिशत के सामाजिक कल्याण अधिभार (एसडब्ल्यूएस) को हटाने के कारण हुई है। अब नई शुल्क दरें आने वाले मंगलवार से लागू हो जाएंगी। इससे पहले सोने तथा चांदी पर 10 फीसदी मूल सीमा शुल्क (बीसीडी) और 1 फीसदी एसडब्ल्यूएस लगता था। इससे प्रभावी दरें 11 फीसदी हो जाती थीं। वर्तमान में सरकार ने 5 प्रतिशत एआईडीसी को लगा दिया है तथा 1 प्रतिशत एसडब्ल्यूएस को हटा दिया है। अतः अब प्रभावी शुल्क दर 15 प्रतिशत हो गई हैं।

GJEPC ने की यह मांग

जानकारी दे दें की GJEPC सोने-चांदी पर आयात शुल्क को 15 फीसदी से घटा कर 4 फीसदी करने की मांग कर रही है। दूसरी और अंतरिम बजट 2024 में कटे हुए तथा पालिश किये गए हीरो पर सीमा शुल्क को 5 फीसदी से घटा कर 2.5 फीसदी करने की मांग की गई है। काउंसिल इसलिए ऐसा चाहती है ताकी सेक्टर को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा में बने रहने में मदद मिल सके।