नई दिल्ली। सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण विभाग ने राज्य में देसी कपास की खेती को बढ़ावा देने के लिए बड़ा निर्णय लिया है। इस निर्णय के अनुसार हरियाणा सरकार राज्य में देशी कपास की फसल उगाने वाले क‍िसानों को आर्थिक सहायता प्रदान करने की योजना आरंभ कर रही है। योजना के अन्तर्गत सरकार ऐसे सभी किसानों को प्रति एकड़ 3000 रुपए की आर्थिक मदद देगी।

योजना का लाभ उठाने के लिए 25 अप्रैल से करवा सकेंगे रजिस्ट्रेशन, आखिरी तारीख है 31 मई

ऐसे सभी किसान जो वर्तमान में देसी कपास की खेती कर रहे हैं या करने के इच्छुक है और इस योजना का लाभ उठाना चाहते हैं, उन्हें सरकारी विभाग की आधिकारिक वेबसाइट ‘मेरी फसल मेरा ब्‍यौरा’ पोर्टल http://agriharyana.gov.in/ पर जाकर अपना रजिस्ट्रेशन करवाना होगा। रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया 25 अप्रैल से शुरू होगी और 31 मई तक किसान अपना रजिस्ट्रेशन करवा सकेंगे। रजिस्ट्रेशन कराए जाने के बाद सरकार द्वारा आवेदन का वेरिफिकेशन करवाया जाएगा। वेरिफाई होने के बाद किसानों को प्रति एकड़ 3000 रुपए के हिसाब से अनुदान राशि दी जाएगी। बिना रजिस्ट्रेशन के किसान इस योजना का लाभ नहीं उठा सकेंगे।

अप्रैल माह में आरंभ हो जाती है हरियाणा में कपास की बिजाई

राज्य में कपास की बिजाई लगभग 15 अप्रैल से शुरू हो जाती है और अगले एक महीने तक चलती है। वर्तमान में राज्य में कपास के तीन तरह के बीज (जिनमें नरमा, बीटी कॉटन तथा देशी कपास शाम‍िल हैं) काम लिए जाते हैं। इनमें देसी कपास की प्रमुख किस्मों में एचडी-107, 123, 324 व 432 को बोया जा रहा है।

हरियाणा की प्रमुख फसल है कपास

कपास की फसल उगाने में धान के मुकाबले कम मेहनत और लागत होती है जबकि मार्केट में यह धान से ज्यादा कीमत पर बिकती है। ऐसे में राज्य के अधिकतर किसान इसे उगा रहे हैं। कपास की फसल को थोड़ी नमकीन व कमजोर या अनउपजाऊ भूमि पर भी उगाया जा सकता है। यही कारण है कि कपास हरियाणा की प्रमुख फसल बन चुकी है। इसके साथ ही राज्य सरकार भी अपने विशेषज्ञों के जरिए राज्य में कपास की खेती को सुरक्षित व अधिकाधिक उत्पादक बनाने के प्रयास में जुटी हुई है।