Tuesday, December 30, 2025
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गोल्ड ज्वैलरी खरीदने जा रहें हैं तो हो जाएं सावधान, गोल्ड बिस्किट या कॉइन की खरीदारी में मिलेगा लाभ, जान लें असल गणित

हमारे देश के प्रत्येक वर्ग का व्यक्ति सोने से ख़ास लगाव रखता है। इसके अपने लाभ भी होते हैं। सोना पहनने से आपकी शान में इजाफा होता है। वहीं आर्थिक संकट के दौरान सोने को गिरवी रखकर आप पैसा या लोन भी ले सकते हैं। इसके अलावा सोने को सेल करने आप सीधे पैसा भी बना सकते हैं लेकिन आपको बता दें की सोने में निवेश करने की दृष्टि से गोल्ड ज्वैलरी को खरीदना फायदे का सौदा नहीं है बल्कि गोल्ड बिस्किट या कॉइन खरीदना आपके लिए ज्यादा फायदे का सौदा होता है। आज हम आपको इसी के बारे में बता रहें हैं।

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इस सोच को बदलें

जब कोई भी व्यक्ति ज्वैलरी शॉप पर जाता है तो वहां पर वह सोने के अलग अलग गहनों को देखता है। जैसे अंगूठी, हार, ब्रेसलेट आदि। सोने की चमक तथा नए डिजाइन के गहने देखकर लोग यह विचार करते हैं कि कुछ वर्ष इनको पहन लेंगे तथा बाद में सेल करने पर रिटर्न मिल ही जाएगा। ऐसा सोच कर लोग सोने के गहने खरीद लेते हैं लेकिन वास्तव में ऐसा नहीं है।

लगता है मेकिंग चार्ज

आपको बता दें कि जब कभी आप सोने के गहने ख़रीदते या बनवाते हैं तो आपको मेकिंग चार्ज देना होता है। लेकिन जब आप अपने गहने बेचते या एक्सचेंज कराते हैं तो आपको मेकिंग चार्ज का अमाउंट नहीं मिलता है। सोने के गहनों पर आपको प्रति ग्राम मेकिंग चार्ज देना होता है।

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जो की 250 रुपये प्रति ग्राम तथा कुल रकम का 10 से 12% तक हो सकता है। मान लें की आप 6 लाख के गहने बनवाते हैं तो इस हिसाब से आपको 60 हजार रुपयेका मेकिंग चार्ज देना होता है। इसके अलावा आपको सोने की शुद्धता के लिए फ़िल्टर चार्ज भी देना होता है। जब की यदि आप गोल्ड बिस्किट या कॉइन खरीदते हैंतो ऐसा नहीं होता है।

बेचने पर नहीं मिलती पूरी कीमत

आपको जानकारी दे दें कि यदि आप सोने के गहनों को बेचते हैं तो आपको पूरी कीमत नहीं मिलती है क्यों की गहनों के निर्माण में सोने के साथ में अन्य धातुओं का इस्तेमाल भी किया जाता है। अतः जब कभी आप सोने के गहने बेचते हैं तो आपको भुगतान गहनों में गोल्ड की मात्रा के आधार पर ही किया जाता है जब की सोने के बिस्किट या कॉइन के मामले में ऐसा नहीं होता है।

जान लें फायदे और हानि का गणित

मान लें की आप 10 ग्राम गोल्ड की ज्वैलरी 62,740 रुपये के भाव में खरीदते हैं तो आपको इसके ऊपर मेकिंग चार्ज तथा फ़िल्टर चार्ज भी देना होता है। जो की 10% के हिसाब से 6 हजार रुपये से अधिक होता है। वहीं यदि आप सोने के बिस्किट को खरीदते हैं तो आपको 62,740 रुपये ही देने होंगे।

जब कभी आप सोने के गहनों को बेचने जाएंगे तो आपको मेकिंग चार्ज तथा फ़िल्टर चार्ज का लाभ नहीं मिलेगा तथा आपको भुगतान भी ज्वैलरी पर कटौती के साथ किया जाएगा क्योकि पेमेंट ज्वैलरी में गोल्ड की मात्रा के आधार पर किया जाता है। इस प्रकार से देखा जाए तो निवेश के लिहाज से गोल्ड ज्वैलरी को खरीदना हानि का सौदा होता है।

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Farha Zafar
Farha Zafarhttps://www.tazahindisamachar.com/
Farha Zafar: टीवी और डिजिटल की दुनिया में अपनी अलग पहचान बनाना ही मकसद है। स्वयं का यूट्यूब चैनल बनाकर उसे राजनैतिक कवरेज का बेहतरीन प्लेटफार्म बनाया। विजुअल की दुनिया में अमित छाप छोड़ने के बाद tazahindisamachar.com को दिसंबर 2022 में ज्वाइन किया। यहां नेशनल डेस्क के साथ ऑटोमोबाइल और गैजेट बीट पर काम किया। सभी बीट करते हुए पाठकों तक बेहतरीन और रिसर्च स्टोरी पहुंचाने की मेरी ये पहल जारी रहेगी।
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