नई दिल्ली।  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिकी के वॉशिंगटन डीसी पहुंच चुके हैं। जहां उनके स्वागत के लिए पहले से ही अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन पत्नी जिल के साथ आगवानी के लिए खड़े थे। भारत के लिए यह यात्रा काफी फायदेमंद साबित होने वाली है। मोदी की इस राजकीय यात्रा से दोनों देशों के संबंध और अधिक मजबूत होगें। यह यात्रा द्विपक्षीय रिश्‍तों को नई ऊड़ान दे सकती है।

मोदी की यह यात्रा रूस और चीन के संबंधो से कोई वास्ता नही रखती है बल्कि यह यात्रा  देश की रक्षा व्ववस्था के साथ ही व्यापार, तकनीकी और स्‍ट्रैटेजिक डील्‍स के होने की उम्‍मीद है. भारतीय विदेश मंत्रालय ने बताया है कि रक्षा औद्योगिक सहयोग का रोडमैप पीएम मोदी की यात्रा के प्रमुख केन्द्र बिन्दू है। और सी बात को मजबूती देने के लिए इससे पहले अमेरिका के सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन भारत आए थे जहां उन्होने इस मुद्दे को लेकर अजीत डोभाल के साथ जनवरी 2023 के बाद से ही चर्चा शुरू कर दी थी अब जेक सुलिवन को ही इस मेगा डिफेंस डील का अहम किरदार माना जा रहा है। भारत की रक्षा जरूरतों को समय पर पूरा कर पाने में रूस फिलहाल असमर्थ है, क्‍योंकि वह यूक्रेन युद्ध में उलझा हुआ है। अब यह डील अमेरिका के साथ की जा रही है।

बड़ी डील पर एक नजर

पहली डील- भारत में GE-414 जेट इंजन का निर्माण

पीएम मोदी के अमेरिका दौरा का सबसे बड़ा फायदा  GE-414 जेट इंजन के निर्माण से होने वाला है। जिसे वो भारत में शुरू करने के लिए इस पर चर्चा करके उसे फाइनल रूप देने वाले है। इसके बाद जेट इंजन का निर्माण भारत में होने लगेगा। जिसकी टेक्‍नोलॉजी अमेरिका देने को तैयार हो गया है।

दूसरी डील- अमेरिका के प्रीडेटर ड्रोन खरीदेगा

1200 किमी तक मार करने वाली प्रीडेटर ड्रोन को भारत अमेरिका से खरीदना चाह रहा है जिस पर रक्षा मंत्रालय ने मंजूरी दे दी है. बीते सप्‍ताह रक्षा मंत्रालय ने अमेरिकी प्रीडेटर 31एमक्‍यू-9 बी की खरीद को भी मंजूरी दी गई थी।

तीसरी डील- सबसे ताकतवर स्‍ट्राइकर गाड़ियां का मिलकर प्रोडक्‍शन

भारत अमेरिका के साथ मिलकर सबसे ताकतवर स्‍ट्राइकर वाहन का निर्माण करने का ऑफर रखेगा। यह वाहन, मोबाइल गन सिस्‍टम के साथ, 105 एमएम की तोप और एंटी टैंक गाइडेट मिसाइल से लैस है।

चौथी डील- होवित्जर तोपों की रेंज बढ़ाने का ऑफर

अपनी चौथी डील में अमेरिका ने भारत को होवित्जर तोपों की रेंज बढ़ाने का ऑफर दिया है. जिससे भारत की मारक क्षमता बढ़ जाएगी. ये तोपें लद्दाख से लेकर अरुणाचल प्रदेश में चीन से मुकाबला करने लिए तैनात की गई थी।

पांचवी डील- दूर तक मारक बम मिसाइल का निर्माण

पीएम मोदी के दौर में हवा से हवा में मार करने वाली अमेरिकी मिसाइल और अधिक क्षमता वाले आर्टिलरी बम निर्माण भारत में करने का इरादा है. ऐसी उम्‍मीद है कि यह समझौता भी हो जाए.