आज के आर्थिक युग में बकरी पालन एक अत्यंत लाभकारी व्यवसाय बन चुका है। बकरी का दूध, मांस, और ऊन उत्पादन से न केवल आपकी आय में वृद्धि होती है, बल्कि यह कम लागत और स्थानीय संसाधनों का उपयोग करके संभव है।
बकरियाँ अनुकूलनशील प्राणी हैं और कम देखभाल में भी अच्छी तरह से पलती हैं। इसके अलावा, बकरी पालन से खेती में मदद मिलती है क्योंकि बकरियां खेत की खरपतवार को खाकर उसे साफ रखती हैं। यह व्यवसाय न केवल आर्थिक रूप से बल्कि पर्यावरणीय दृष्टि से भी सुरक्षित और सस्तेनेबल है।
हमारे देश के कई ग्रामीण क्षेत्रों में बकरी पालन आज एक महत्वपूर्ण व्यवसाय बन गया है। इसलिए ही कम खर्च और ज्यादा मुनाफे से लोग बड़ी संख्या में किसान व्यवसाय को अपना रहे हैं। लेकिन इस व्यव्साय की सबसे बड़ी समस्या यह है कि किस नस्ल की बकरी पालने से आपको अच्छा मुनाफा मिलेगा।
जैसे कि आपको पता हैं कि बकरी एक छोटा जानवर है और इसलिए ही इसके रखरखाव का खर्च भी बहुत कम होता है। इसको पालने के लिए मुख्य रूप से तीन बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
ये तीन विशेषताएं बकरी की नस्ल, भोजन और तीसरा प्रबंधन है। बता दें कि बरबरी या जमुनापारी नस्ल की बकरी बहुत अच्छी मानी जाकी है, तो वहीं कुछ पशुपालक को सिरोही और बीटल नस्ल की बकरियों का पालन लाभदायक होता है।
एक साल में 2 बार बच्चे देती है इस नस्ल की बकरी
यदि आप बरबरी नस्ल का पालन करते हैं तो आप इनका आसानी से घर पर पालन-पोषण कर सकते हैं। इस नस्ल की बकरियां आमतौर पर साल में दो बार बच्चे पैदा कर सकती हैं और एक बार में 2 या 3 बच्चों को जन्म दे सकती हैं। इन बकरियों को दिन में तीन बार चारा देना बहुत जरूरी है, और एक औसत बकरी दिन में 3.5 से 5 किलो चारा खिलाना चाहिए। जब ये बकरियों गर्भवती हो जाती हैं तो उनको किसी अन्य बकरियों के साथ नहीं रखना चाहिए।
बरबरी नस्ल की बकरी पालने का तरीका
बरबरी नस्ल की बकरियां को पालना काफी आसान होता है। इस बकरी को पालने के लिए नमी वाली जगह व साफ सुथरी होनी चाहिए, और उनको चराने के लिए खुले मैदान की व्यवस्था करनी चाहिए। इस नस्ल की बकरियों को खिलाने के लिए हमेशा हरा चारा ही खिलाएं। इसके अलावा इस नस्ल की 7-8 बकरियों को एक साथ एक शेड में रखनी चाहिए।
जमुनापारी बकरी पालने का तरीका
आपको बता दें कि इस जमुनापारी नस्ल की बकरियां पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, बिहार और मध्य प्रदेश में पाई जाती हैं। इस नस्ल का पालने से आपको अच्छा मुनाफा मिल जाता है क्योंकि इस नस्ल की बकरी का मांस और दूध ज्यादा होता है, और इनके शरीर का रंग सफेद होता है। इन बकरियों की पीठ पर बाल लंबे व सींग छोटे होते हैं, इनके कान बड़े और मुड़े होते हैं।
जमुनापारी बकरी की विशेषताएं
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस नस्ल की बकरी का वजन सामान्य बकरीयों से ज्यादा होता है और यह अपने पूरे जीवनकाल में 12 से 14 बच्चों को जन्म देती है। इस नस्ल की बकरियां प्रतिदिन 1.5 से 2 लीटर दूध देती हैं। मार्केट में इस बकरी का मांस काफी महंगा बिकता है।