हमारे सनातन धर्म में फूलों के बिना पूजा सफल नहीं मानी जाती है, इसलिए फूल को श्रद्धा और भावना का प्रतीक माना जाता है। फूलों की महक से वातावरण सुंगधित और शुद्ध हो जाता है।

हर एक फूल की एक खास सुगंध और महत्व होता है, इसके अलावा इनके अलग-अलग असर भी होते हैं। तो आइए जानते हैं कि पूजा-पाठ में फूलों का क्या महत्व होता है और अलग-अलग फूलों का ग्रहों से क्या संबंध होता है।

1. गेंदे का फूल
गेंदे का फूल कई तरह के होते हैं, लेकिन सबसे ज्यादा उपयोगी और महत्वपूर्ण पीले गेंदे का फूल होता है। इस फूल का संबंध बृहस्पति ग्रह से होता है, जिसके प्रयोग से ज्ञान, विद्या और आकर्षण की प्राप्ति होती है। भगवान विष्णु को नियमित पीले गेंदे के फूल की माला अर्पित करने से संतान संबंधी समस्याओं से समाप्त हो जाती है।

2. गुलाब का फूल
गुलाब का फूल बहुत सुंदर और खुशबूदार होता है, इसके अलाव ये फूल रिश्तों पर सीधा असर डालता है। पूजा में लाल गुलाब का प्रयोग बहुत शुभ माना जाता है। लाल गुलाब का संबध मंगल ग्रह से होता है और इसकी खुशबू का संबंध शुक्र से होता है। इसके रोजाना प्रयोग से प्रेम, आकर्षण, रिश्तों और आत्मविश्वास बढ़ता है। इस फूल को लक्ष्मी जी को नियमित अर्पित करने से आर्थिक स्थिति अच्छी हो जाती है।

3. कमल का फूल
आपको बता दें कि कमल का फूल शुद्ध रूप से दैवीय और आध्यात्मिक फूल माना जाता है। इसमें सफेद रंग का कमल सबसे पवित्र और ऊर्जावान होता है। इस फूल का संबंध नौ ग्रहों और दुनिया की पूरी ऊर्जा से होता है। कमल का फूल अर्पित करने का मतलब होता है कि ईश्वर के चरणों में स्वयं को अर्पित करना। एकादशी के दिन कृष्ण जी को कमल के दो फूल अर्पित करने से संतान की प्राप्ति होती है।

4. गुड़हल का फूल
गुड़हल का फूल बहुत ऊर्जावान होता है और इसका देवी और सूर्य देव की उपासना में विशेष प्रयोग होता है। नियमित रूप से देवी को गुड़हल का फूल अर्पित करने से शत्रु और विरोधियों का नाश होता है। गुड़हल का फूल डालकर सूर्य को जल अर्पित करने से सूर्य की कृपा मिलने लगती है।