श्रीमद्भगवद्गीता के 12वें स्कंध में कलयुग के अंत और सतयुग के शुरूवात में भगवान के कल्कि अवतार के बारे में लिखा है। इसमें दिए गए एक श्लोक के अनुसार, भगवान विष्णु के दसवें कल्कि अवतार का जन्म संभल में विष्णुयश नाम के श्रेष्ठ ब्राह्मण के पुत्र के रूप में होगा।
इसके अलावा माना जाता है कि भगवान के इस कल्कि अवतार को स्वयं भगवान परशुराम खड्ग देंगे और देव गुरु बृहस्पति इनकी शिक्षा-दीक्षा करेंगे।
कलयुग के अंत में जब पाप और अन्याय अपने चरम सीमा पर होगा, तब पापियों के नाश के लिए भगवान विष्णु अपने दसवें कल्कि अवतार में जन्म लेंगे। जब भी इस संसार में पाप और अन्याय बढ़ा है तब भगवान विष्णु ने अवतार जन्म लेकर इस संसार को बचाया है।
कल्कि पुराण में भगवान के दसवें कल्कि अवतार के बारें में विस्तार से बताया गया है कि इस अवतार में भी भगवान राम की तरह ही कल्कि भगवान के भी तीन भाई होंगे।
पापियों का नाश करने के लिए भगवान कल्कि सफेद घोड़े में सवार होकर खुली तलवार लेकर आएंगे और दुष्टों का खत्म करेंगे। बता दें कि भगवान विष्णु के 10 अवतार हैं, जिसमें मत्स्य, कूर्म, वराह, नृसिंह, वामन, श्रीराम, श्रीकृष्ण, परशुराम, बुद्ध, और कल्कि।
पुराणों के अनुसार भगवान कल्कि का जन्म सावन महीने के मशुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को संभल में एक ब्राह्मण परिवार में होगा। भगवान कल्कि के पिता विष्णुभक्त होंगे और साथ में वेदों और पुराणों के ज्ञाता होंगे। भगवान कल्कि सफेद घोड़े पर सवार होकर पापियों का नाश करके फिर से धर्म की स्थापना और रक्षा करेंगे। भगवान के जन्म लेने के बाद कलियुग के अंत के साथ सतयुग का आरंभ भी हो जाएगा।
कहते हैं कि अभी कलयुग का प्रथम चरण चल रहा है, और कलयुग 4 लाख 32 हजार वर्षों का होगा, जिसमें से अभी केवल 5126 साल ही बीते हैं। यानि की अभी भगवान विष्णु का कल्कि अवतार होने में अभी करीब 426875 साल बचे हुए हैं।