बाहर चाहे क‍ितना भी बाहर का मजेदार खाना और पकवान खा लीजिए, लेकिन घर की दाल-रोटी या दाल-चावल का मुकाबला किसी से नहीं हो सकता है। दाल शाकाहारियों के लिए ऐसी चीज है, जिससे न केवल आपके खाने का स्‍वाद बढ़ाता है, बल्‍कि इसमें प्रोटीन और पोषक तत्‍वों भी पाये जाते है।

हर किसी का दाल बनाने का अपना अलग-अलग तरीका होता है। क‍िसी को दाल में टमाटर डालकर अच्छी लगती है तो क‍िसी को ब‍िना टमाटर की दाल खानी पसंद है। इसके बनने का प्रोसेस भी अलग होता है।

राजस्‍थान में ज्‍यादातर लोग दाल को पूरा गलाकर या घुटी हुई दाल में लाल म‍िर्च के जोरदार तड़के के साथ खाना पसंद करते है। तो वहीं उत्तर प्रदेश के कई इलाकों में खड़ी दाल खाई जाती है।

दाल का स्‍वाद भले ही कैसा भी हो, लेकिन एक चीज आपकी दाल को सबसे ज्‍यादा प्रभावित करती है और वो है दाल में पड़ने वाला पानी। तो आइए आपको बताते हैं कि दाल में ठंडा पानी डालने से क्‍या होता है।

दाल शाकाहारियों के लि‍ए प्रोटीन का एक अच्‍छा सोर्स है, इसमें फैट नहीं होता और ये लो-कैलरी होती है। इसके साथ ही दाल में भरपूर मात्रा में एंटीऑक्‍सीडेंट, पोटैश‍ियम, कैल्‍श‍ियम और ज‍िंक जैसे म‍िनरल पाये जाते है।

जब आप दाल को पकाने के लिए चढ़ाते हैं तो कभी-कभी कुकर में पानी कम पड़ जाता है। ऐसे में दाल में तड़का लगाते हुए ऊपर से पानी डालना पड़ता है। लेकिन यदि आप इसमें ठंडा पानी डालते हैं, तो इससे आपकी दाल का स्‍वाद बि‍गाड़ जाता है।

इसकी वजह से गैस पकने वाली दाल का तापमान अधिक होता है, लेकिन जब आप इसमें ठंडा पानी डालते हैं। इसमें पानी पड़ने से दाल का कुकिंग प्रोसेस धीमा हो जाता है। इस तरह से दाल पकने में ज्‍यादा समय लगता है।

जब आंच पर रखी दाल धीरे-धीरे पकती है तो दाल में मौजूद प्रोटीन और फाइबर उसके स्‍वाद को गहरा करते हैं और इसको पकाने में मदद करते हैं। लेकिन ठंडा पानी डालने से ये प्रक्रिया बाधित हो जाती है।