हरी इलायची शरीर के लिए लाभदायक होती है. इसे व्यजनों मे इस्तेमाल किया जाता है. काली इलायची भी सेहत के लिए अच्छी होती है.इलायची को भारतीय मसालों में गिना जाता है. जिसका इस्तेमाल कई तरह के खानों में किया जाता है, नमकीन में भी किया जाता है. खीर, पुलाव बिरयानी इनमें भी इलायची का इस्तेमाल उसके स्वाद को बढ़ाने के लिए किया जाता है. और इससे खाने में खुशबू रहती है. इलायची का इस्तेमाल चाय में भी किया जाता है, जिससे चाय मे खुशबू रहे.

उपयोग जानिए

इलायची का उपयोग सर्दी खांसी से लेकर एसिडिटी, शुगर और ब्लड प्रेशर, जैसी बीमारियों के नुस्खों के लिए किया जाता है. इसे माउथ फ्रेशनर के तौर पर भी इस्तेमाल किया जाता है.

काली और हरी इलायची मे अंतर

हरी इलायची इलेटारिया प्रजाति से होती है. परंतु काली व लंबी इलायची अमोमम सबुलटम प्रजाति से आती है. दोनों प्रकार के इलायची भारत में उगाई जाती है. हरी इलायची की फली को पौधों से पूर्ण से परिपक्व होने से पहले तोड़ लिया जाता है. वहीं दूसरी और काली इलायची की फली बहुत देर में एकत्रित की जाती है, और आग के बड़े गड्ढों पर सुखाई जाती है.

जानिए स्वाद व उपयोग

हरी इलायची का बीच और उसकी फली मसाले के रूप में इस्तेमाल की जाती है. काली इलायची के बीच का उपयोग किया जाता है, और फली को काट कर फेंक दिया जाता है. काली इलायची का एक धुएँ के रंग का कपूर जैसा स्वाद होता है. काली इलायची के स्वाद की तुलना अक्सर पुदीने से की जाती है.

लाभ जानिए

इन दोनों इलायची का उपयोग चिकित्सा और घरेलू उपचार के लिए किया जाता है. काली इलायची का उपयोग कब्ज और पेचिश के लिए किया जाता है. यह अस्थमा के लक्षण में भी मदद करने के लिए प्रयोग की जाती है. हरी इलायची नींद की समस्या में मदद करती है. यह पाचन शक्ति बढ़ाती है.

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