घटना मध्य प्रदेश के ग्वालियर से सामने आई है। यहां पर पुलिस के सामने एक ऐसा मामला आया है। जिसको देख पुलिस भी सन्न रह गई है। असल में पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो कॉल सेंटर के जरिये विदेशी नागरिकों को ठगता था। पुलिस ने अपनी छापेमारी में 1 लड़की सहित 6 लोगों को पकड़ा है।

पुलिस ककी गिरफ्त में आये ये लोग ग्वालियर में बैठकर अमेरिका, ब्रिटेन सहित अन्य कई देशों के नागरिकों को ठगने का कार्य करते थे। ये सभी लोग कॉल सेंटर का सेटअप लगाए हुए थे और खुद को माइक्रोसॉफ्ट कंपनी का एजेंट बताकर लोगों को ठगते थे।

पुलिस को मिली थी सूचना

असल में पुलिस को अपने एक मुखबिर से सूचना मिली थी की झाँसी रोड स्थित माधवनगर के होटल आशीर्वाद की दूसरी मंजिल स्थित एक कमरे में कॉल सेंटर चला रहें हैं। ये लोग अमेरिका, ब्रिटेन तथा अन्य देशों के नागरिकों को कॉल करके खुद को माइक्रोसॉफ्ट कंपनी का एजेंट बताते हैं तथा उनके कंप्यूटर में वायरस होने का झांसा देकर उन लोगों को ठगते हैं।

सूचना मिलने के बाद पुलिस होटल आशीर्वाद की दूसरी मंजिल पर पहुंची तथा रूम नंबर 204 का गेट खुलवाया। यहां पर कुछ लड़के तथा एक लड़की लैपटॉप पर काम करते हुए तथा हेडफोन लगाए अंग्रेजी में बात करते हुए मिले। इन 6 लड़कों तथा 1 लड़की को पुलिस ने कुर्सी पर बैठे हुए ही पकड़ लिया।

ग्वालियर आईजी अरविंद सक्सेना ने बताया है की “कंप्यूटर स्क्रीन पर पाए गए सभी नंबर विदेशी है। पकडे गए लोगों से पूछताछ में पता लगा है की ये लोग सिर्फ 7 दिन पहले ही ग्वालियर ए थे। उसी दिन से ये लोग काम कर रहें थे। यहां पर काम करने के लिए स्थान और फर्नीचर का सेटअप मुरैना के संजय भदौरिया ने उपलब्ध कराया था। जब की कर्ण नामक शख्स ने मोबाइल, लैपटॉप सहित अन्य इलेक्ट्रिक उपकरण उपलब्ध कराये थे।

विदेशी नाम से करते थे ठगी

इस प्रकरण में पकडे गए लोग खुद का विदेशी नाम बता कर लोगों को ठगी का शिकार बनाते थे। ये लोग मिस्टर पॉल, (अभय राजावत), मार्टिन (नीतेश), जॉन (सुरेश), रियान (दीपक), साइबर एक्सपर्ट (राज), डेविल (सुरेश), नैंसी (श्वेता) आदि फर्जी नामों का यूज करते हुए बात करते थे। मोंटी और कर्ण इन लोगों को हर महज 20 से 25 हजार रुपये, खाना तथा ठगी राशि का 5% कमीशन प्रदान करते थे। पुलिस ने होटल से लैपटॉप-8, माउस, मोबाइल फोन-15, एक फायबर मॉडम-एडॉप्टर, कॉलिंग स्क्रिप्ट, डाटा सीट आदि चीजों को जब्त कर लिया है।