राजस्थान की बीजेपी सरकार ने 27 दिन के बाद अपना मंत्रिमंडल बना लिया है। इस दौरान सियासत के कई रंग देखने को मिले। पिछली दो बार मुख्यमंत्री रहीं वसुंधरा राजे को इस बार दरकिनार करके पहली बार विधायक बने भजनलाल को मुख्यमंत्री बनाया गया है। इन चुनावों में सांसद से विधायक का चुनाव लड़ने वाले बीजेपी प्रत्याशी बाबा बालकनाथ भी काफी सुर्ख़ियों से रहे।

उनका नाम राजस्थान के सीएम पद को लेकर काफी चर्चा का विषय बना रहा लेकिन उनको न तो सीएम पद मिला और न ही मंत्रिमंडल में स्थान। अब इसी चीज को लेकर चर्चा की जा रही है की राजस्थान की राजनीति में बाबा बालकनाथ का भविष्य क्या होगा। आइये रिपोर्ट के जरिये पता करते हैं कि राजस्थान में बाबा बालकनाथ की भूमिका क्या हो सकती है।

बाबा को मंत्रिमंडल में स्थान न मिलने का कारण

बाबा को राजस्थान के मंत्रिमंडल में स्थान नहीं दिया गया है। इसके पीछे कई प्रकार की चर्चाएं चल रहीं हैं। बताया जा रहा है कि आगामी लोकसभा चुनावों को देखते हुए बीजेपी सभी समाज को साधने की कोशिश कर रही है। बीजेपी लोकसभा चुनाव में किसी भी वर्ग को नाराज कर जोखिम नहीं उठाना चाहती है। इसी कारण मौजूदा मंत्रिमंडल में सभी समाजों के लोगों को लिया गया है। यहां पर हर समाज के लोगों को मौक़ा दिया गया है इसी कारण बाबा को मंत्रिमंडल में स्थान नहीं दिया गया है।

लोकसभा चुनाव के बाद मिल सकता है मौक़ा

200 सीटों पर राजस्थान सरकार अपने मंत्री मंडल में 30 मंत्री बना सकती है। वर्तमान में राजस्थान सरकार में 25 मंत्री हैं। अतः अभी 5 मंत्री और बनने बाकी हैं। लोकसभा चुनाव में सभी समाज को साधने के लिए ही बाबा का नाम कट होना माना जा सकता है। लेकिन जानकार लोगों का मानना कि 6 माह तक नए मंत्रियों की परफॉर्मेंस देखने के बाद में मंत्री मंडल में फेरबदल हो सकता है। अतः संभावना है कि बाबा बालकनाथ का नए फेज में नंबर आ जाए लेकिन यह संभावना लोक सभा चुनावों के बाद की बन रही है।

यह कारण भी माने जा रहें हैं

बाबा बालकनाथ को मंत्री नहीं बनाये जाने के पीछे अन्य कई कारण भी चर्चा का हिस्सा हैं। बताया जा रहा है कि बाबा लोग अधिकतर धार्मिक मुद्दों पर बयान देते हैं। ऐसे में प्रदेश में बीजेपी की छवि धूमिल हो सकती है। दूसरी बात बाबा लोगों का अनुभव राजनीति में कम होता है। अतः बाबा लोगों को मंत्री मंडल में स्थान देने से सरकार का काम प्रभावित हो सकता है। बीजेपी लोकसभा चुनावों को देखते हुए अपनी छवि अच्छी बनाये रखना चाहती है जब की बाबा को मंत्री बनाने से कुछ लोग नाराज हो सकते हैं। अतः बाबा को मंत्री मंडल में स्थान न देने के ये कुछ कारण भी मानें जा रहें हैं।