बॉलीवुड भाईजान सलमान खान आतंकी घोषित, सिर्फ एक घोषणा ने कर …

बॉलीवुड के सुपरस्टार सलमान खान हाल ही में एक बड़े विवाद में घिर गए हैं, जिसके बाद पड़ोसी देश पाकिस्तान तिलमिला उठा है। सऊदी अरब में एक कार्यक्रम के दौरान सलमान खान ने बलूचिस्तान का जिक्र पाकिस्तान से एक अलग देश के रूप में किया था, जिससे शहबाज सरकार ने कड़ी नाराजगी जताई है।

नाराजगी इतनी बढ़ गई है कि पाकिस्तान सरकार ने सलमान खान को ‘आतंकवादी’ घोषित करते हुए उनके खिलाफ आधिकारिक कार्रवाई शुरू कर दी है।

सलमान खान ‘फोर्थ शेड्यूल’ लिस्ट में शामिल

पाकिस्तान के गृह मंत्रालय ने एक आधिकारिक नोटिफिकेशन जारी कर अभिनेता सलमान खान को ‘फोर्थ शेड्यूल’ (Fourth Schedule) लिस्ट में डाल दिया है। यह लिस्ट पाकिस्तान के एंटी-टेररिज्म एक्ट (Anti-Terrorism Act) के तहत आती है। इस सूची में शामिल किसी भी व्यक्ति को पाकिस्तान में आतंकवादी माना जाता है और उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।

हालांकि, इस गंभीर मामले पर सलमान खान या उनके किसी प्रतिनिधि की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।

सलमान खान ने सऊदी अरब में क्या कहा था?
यह विवाद सऊदी अरब में आयोजित जॉय फोरम 2025 में सलमान खान के एक बयान से शुरू हुआ। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में, सलमान खान को यह कहते हुए सुना गया:

“ये बलूचिस्तान के लोग हैं, अफगानिस्तान के लोग हैं, पाकिस्तान के लोग हैं, हर कोई सऊदी अरब में मेहनत से काम कर रहा है।”

इस बयान में उन्होंने बलूचिस्तान का नाम पाकिस्तान से अलग लिया, जिसने पाकिस्तान में विवाद खड़ा कर दिया।

बलूच नेताओं ने जताया आभार
एक तरफ जहां सलमान के इस बयान से पाकिस्तान में नाराजगी फैली है, वहीं बलूचिस्तान की आजादी की मांग करने वाले अलगाववादी नेता इससे बेहद खुश हैं और उन्होंने सलमान खान का आभार व्यक्त किया है।

बलूचिस्तान को स्वतंत्र देश बनाने की मांग कर रहे नेता मीर यार बलूच ने कहा:

“सऊदी अरब में भारतीय फिल्म जगत के दिग्गज सलमान खान का बलूचिस्तान का उल्लेख छह करोड़ बलूच नागरिकों के लिए खुशी लेकर आया है।”

उन्होंने आगे कहा कि सलमान ने वह कर दिखाया, जिसमें कई बड़े देश भी हिचकते हैं। मीर यार बलूच के मुताबिक, ऐसे सांकेतिक कदम लोगों के दिल जोड़ते हैं और दुनिया को बलूचिस्तान को एक अलग राष्ट्र के रूप में मान्यता देने के लिए प्रेरित करते हैं।

बलूचिस्तान में क्यों चल रही है आजादी की लड़ाई?
बलूचिस्तान, पाकिस्तान का क्षेत्रफल के हिसाब से सबसे बड़ा, लेकिन आर्थिक रूप से सबसे पिछड़ा प्रांत है। यहां बगावत का सबसे बड़ा कारण पाकिस्तान सरकार द्वारा किया जाने वाला भेदभाव है।

यह प्रांत खनिज संसाधनों से बेहद समृद्ध है, फिर भी यहां की लगभग 70% आबादी गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करती है।

पाकिस्तान द्वारा ग्वादर पोर्ट चीन को सौंपे जाने के बाद भी इस परियोजना का लाभ स्थानीय लोगों को नहीं मिला, जिसके चलते यहाँ चीन के प्रोजेक्टों का लगातार विरोध होता है और चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर पर अक्सर हमले होते रहते हैं।

बलूच मूल के लोगों को मुख्य रूप से पंजाब क्षेत्र के मुसलमानों द्वारा भेदभाव का सामना करना पड़ता है। साथ ही, पाकिस्तानी सेना में भी शीर्ष पदों पर बलूच लोगों की नियुक्ति कम होती है, जिससे असंतोष बढ़ता जाता है।