नई दिल्ली। हमारा देश भले ही पहले से अधिक विकसित हो चुका है। जिसका असर दूर देश में भी देखने को मिल रहा है। लेकिन इस विकसित देश में कुछ क्षेत्र आज भी ऐसे है जों मूलभूत सुविधाओं से काफी दूर है। कुछ जगह में तो आज भी बिजली नही पहुंच पाई है। कच्ची सड़कों से निकलकर वो बाहर अपनी जिंदगी की सुविधाओं को खोजने निकलते है। लेकिन इनकें बेबसी की गूंज अभी तक ना तो केंद्र सरकार के कान में पड़ी है नाही राज्य सरकार के, इस पर कोई सरकार पहल करने की कोशिश नही कर रही है। जिसका हरजाना मजबूर लोगों को झेलना पड़ रहा है। ऐसा ही एक मामला आठनेर विकासखंड के लालखेड़ी गांव में देखने को मिल रहा है। जहां रोज मौत को हाथ में लिए बच्चे उफनती नदी का पुल पार करके पढ़ाई करने जाते है।

पुल ना बनाने से जान का खतरा

यह मामला ग्राम लालखेडी ढाना का है। जहां हमेशा बारिश के दिनों में नदी में उफान आ जाताहै। और छोटे छोटे बच्चे उफनती नदी पार कर लालखेडी स्कूल पढ़ने जाते हैं, ऐसे में हमेशा नदी पार करते समय जान का खतरा बना रहता है।

पैदल नदी पार करने को मजबूर बच्चे

ऐसे में बच्चे जब भी स्कूल जाते है उनके वापस आने तक किसी अनहोनी का डर पालकों के मन में डर समाया रहता है। गामीणो ने बताया कि लम्बे समय से नदी पर पुलिया बनाने की मांग प्रशासन एवं जनप्रतिनिधियों से की जा रही है लेकिन इस बात की भनक किसी के कान पर नही पड़ रही है। बच्चों को जान जोखिम में डालकर शिक्षा लेने नदी पार करना पड़ता है।

पहले भी ऐसे वीडियो आए सामने

लालखेड़ी स्कूल का यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जहां बच्चे मौत को हाथ में लिए नदी-नाले पार करते नजर आए हैं। इसके पहले चोपना क्षेत्र के शांतिपुर गांव का वीडियो सामने आया था जिसमें बच्चे स्टाप डैम पर लकड़ी की सीढ़ी डालकर उसके ऊपर पटिया रखकर नदी पार करते नजर आ रहे थे। इसके बाद चिचोली विकासखंड के ऊंचागोहान में भी ऐसा ही वीडियो सामने आया था यहां के ग्रामीणों ने भी जनसुनवाई में आकर समस्या के निराकरण की मांग की थी।