नई दिल्ली। 10वीं कक्षा के बोर्ड परीक्षा के परिणाम घोषित हो चुके है। जिसमें कुछ छात्रों ने बेहतर अंक हासिल करके अपने माता-पिता के नाम को गोरान्वित किया है तो कुछ कम अंक लेकर पास हुए है। हर परिवार के लोग अपने बच्चों से कुछ अच्छा करने की उम्मीद करते है यदि बच्चा उनकी उम्मीदों पर खरा ना उतरेस तो नाराजगी जताते है। लेकिन एक परिवार ऐसा भी है कि उनके बच्चे ने मात्र 35% अंक लाकर दसवीं पास की है। बच्चे की कम अंक की सफलता को देखते हुए परिवार इतना खुश है कि उसके लिए जश्न मना रहा है।

बेटे के कम नंबर लाने पर भी खुश है ये परिवार

ठाणे, महाराष्ट्र में रहने वाला कराड परिवार अपने बच्चे के न्यूनतम अंक आने के बाद भी खुशियां मनाते नजर आ रहा है। अन्य परिजनों की तरह उन्होंने बोर्ड परीक्षा परिणामों में अपने बच्चे पर उच्च अंक लाने पर कोई दबाव नहीं बनाया। उन्होंने ये समझा कि केवल परीक्षा पास करना भी बहुत मायने रखता है। उन्होंने जश्न मनाने के लिए अपने बेटे के कम अंक को भी उसकी मेहनत का फल माना है।

35% अंक लाने पर भी परिवार को है गर्व

रिपोर्ट के अनुसार, मराठी मीडियम स्कूल में पढ़ने वाले छात्र विशाल कराड ने अपनी एसएससी परीक्षा में सभी छह विषयों में सबसे कम अंक प्राप्त करते हुए 35% अंक से परीक्षा पास की है।लेकिन इस कम अंक आने के बाद भी विशाल के माता-पिता बहुत खुश होकर जश्न मना रहे है।  उन्हें अपने बेटे पर गर्व है।

परिजनों का मानना है कि विशाल को इतनी कम उम्र से ही जीवन की कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा है। उसके लिए शिक्षा पाना भी एक बड़ी लड़ाई लड़ने जैसा रहा है। क्योंकि विशाल के पिता एक ऑटोरिक्शा चालक हैं, और उसकी मां लोगों के घरों में काम करके परिवार का भरण पौषण करती हैं। जब विशाल ने 10वीं कक्षा की पढ़ाई शुरू की तो उसा दौरान उसके परिवार को बेहद ही तंगी का सामना करना पड़ा था। सके बाद भी विशान ने पढ़ाई नही छोड़ी।

विशाल के लिए कठिन था ये सफर 

विशाल की पढ़ाई के लिए माता पिता ने बेहद सपोर्ट किया। बेटे को पढ़ाई पर अडिग रहने के लिए दोनों ने प्रोत्साहन देकर दृढ़ रहने की ताकत दी. माता-पिता के अटूट विश्वास के चलते ही विशाल इस परीक्षा में पास हो पाया है।

विशाल का मानना है कि, ” भले ही कई परिवार अपने बच्चे के उच्च अंक से खुश हो रहे होंगे, लेकिन हमारे लिए विशाल के 35% अंक लाना भी बहुत मायने रखता हैं, क्योंकि उसने अपनी एसएससी परीक्षा पास करके हमें गौरवान्वित किया है।” कराड परिवार की ये सोच हमें बताती है कि हमेशा अच्छे अंक लाने से ही सफलता को नहीं आंका जा सकता, छात्रों के प्रयास, उनकी मेहनत भी बहुत मायने रखती है।