Baba Premanand Maharaj श्री हित राधा केली कुंज आश्रम की प्रचलित बाबा प्रेमानंद जी महाराज की जीवन की बहुत बड़ी सच्चाई सामने आ चुकी है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि इनका जन्म यूपी के कानपुर में हुआ था। आखिर कैसे इन्होंने सन्यासी जीवन की शुरुआत की और इनका पहले का जीवन क्या था। 

इन की पारिवारिक दिनों के बारे में और उनके इतने बड़े फैसले का कारण क्या था यह सभी जानकारी आज हम आपको बताएंगे। सबसे पहले तो आपको बता दे उनके बचपन का नाम अनिरुद्ध कुमार पांडे था और इनका जन्म सरसौल गांव कानपुर में हुआ था। 

पिता जी और दादा जी ने ऐसे बिताया जीवन Baba Premanand Maharaj

बाबा प्रेमानंद जी महाराज ने अपने पारिवारिक जीवन के बारे में बताते हुए कहा कि उनके दादाजी ने भी अपने जीवन में सन्यास लिया था। उनके सन्यासी जीवन से यह बहुत ज्यादा आकर्षित हुए थे। इसी के साथ ही उन्होंने बताया उनके पिता शंभू पांडे को भी आध्यात्मिक बातों पर काफी यकीन है और वह ईश्वर पर बहुत भरोसा करते हैं।

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इस प्रकार हुई सन्यासी जीवन की शुरुवात 

मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो इन्होंने 13 साल की उम्र में अपना घर छोड़ दिया था। एक रात 3:00 बजे वह अपना घर छोड़कर ब्रह्मचर्य का जीवन शुरू करने के लिए चले गए। सन्यासी जीवन की शुरुआत करते समय इनका नाम आरयन ब्रह्मचारी रखा गया। आज के समय में बाबा प्रेमानंद जी महाराज वृंदावन के श्री हित राधा केली कुंज आश्रम में विराजते हैं।