EPFO: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) सभी निजी क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए बनाया गया है। निजी क्षेत्र में काम करने वाले कर्मचारी अपना मासिक अंशदान करते हैं और उससे कई तरह के फायदे लेते हैं। दवा और इलाज के अतिरिक्त अच्छा मिलता है। कंपनी अपने कर्मचारियों को इस सुविधा का लाभ देती है। EPFO भी अपने सदस्यों को लेकर अच्छी व्यवस्था करता है। आसानी से लोग इसका फायदा उठा सके। बैलेंस चेक करने से लेकर अकाउंट ट्रांसफर करने तक की सुविधा EPFO की तरफ से मुहैया कराई जाती है। हर नौकरीपेशा व्यक्ति की सैलरी का कुछ हिस्सा हर महीने पीएफ खाते में जमा होता है। इन पैसों को ईपीएफओ द्वारा नियंत्रित किया जाता है। इसमें पैसा जमा होने के साथ-साथ आपको ईपीएफओ की ओर से ब्याज दिया जाता है। कर्मचारी की सैलरी से हर महीने PF का पैसा कटता है। अब सवाल ये उठता है कि आखिर यह कैसे जमा होता है, आइये जानते हैं पूरी डिटेल
जब आप किसी कंपनी में काम करते हैं और आपकी सैलरी तय होती है, तो उसमें से 12 फीसदी हिस्सा हर महीने EPF में कटता है। आपकी कंपनी भी 12% का योगदान देती है, लेकिन उसका कुछ हिस्सा पेंशन स्कीम (EPS) में चला जाता है और बाकी EPF में रहता है। पीएफ खाता एक तरह की लॉन्ग टर्म सर्वाइवल बचत होती है। यह पैसा ईपीएफओ के पास सेफ रहताहैं। सरकार की ओर से इसे सेफ जगहों पर जैसे सरकारी बॉन्ड्स आदि में निवेश किया जाता है।
EPFO Calculation
अगर आपकी बेसिक सैलरी और DA मिलाकर ₹25,000 है, तो हर महीने आपकी सैलरी से ₹3,000 (12%) EPF में कटता है। आपकी कंपनी भी 12 फीसदी का योगदान देती है, लेकिन उसका कुछ हिस्सा पेंशन स्कीम (EPS) में चला जाता है। इसमें से कंपनी का ₹1,250 ( ₹15,000 के 8.33%) EPS में जाता है और बाकी ₹1,750 EPF में जुड़ता है। इस तरह हर महीने कुल मिलाकर ₹4,750 ( ₹3,000 आपका + ₹1,750 कंपनी का) EPF अकाउंट में जमा होता है। इस रकम पर हर साल सरकार की तरफ से ब्याज भी जुड़ता है, जिससे आपकी सेविंग और भी बढ़ती है।
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EPF में जमा पैसा आपकी सामाजिक और वित्तीय सुरक्षा की नींव है। इसे नजरअंदाज करना अपने भविष्य को नजरअंदाज करने जैसा है। सिर्फ कुछ ही मिनटों में अपनी पूरी मेहनत की कमाई का हिसाब-किताब अपनी उंगलियों पर रख सकते हैं। इसके लिए सबसे पहले अपनी EPF पासबुक डाउनलोड करें, अपने फाइनेंस पर कंट्रोल रखें और एक जागरूक और स्मार्ट कर्मचारी बनें।