नई दिल्ली: हिंदू शास्त्रों में शरद पूर्णिमा (sharad purnima ) का विशेष महत्व है। जिसे पूरे भारत में धूमधाम के साथ मनाया जाता है। इस बार अश्विन माह की पूर्णिमा तिथि 28 अक्टूबर के दिन पड़ रही है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रमा सोलह कलाओं से अलंकृत होता है हैं इस दिन पूरी रात चंद्रमा अमृत वर्षा करते हैं। और इस अमृत वर्षा से निकले जल को पीने से सारे रोग दूहृर हो जाते है। इसलिए इस दिन चंद्रदेव की पूजा भी की जाती है। शरद पूर्णिमा को कोजागरी पूर्णिमा भी कहते हैं। बता दें, कि इस बार शरद पूर्णिमा कई दुर्लभ शुभ योग भी बनने जा रहे है।

 बेहद दुर्लभ संयोग

इस बार शरद पूर्णिमा के दिन साल का आखिरी चंद्र ग्रहण पड़ने वाला है। जो भारत में दिखाई नहीं देगा इसलिए सूतक काल नही माना जाएगा। इतना ही नही   इस साल की शरद पूर्णिमा पर 30 साल बाद चंद्र ग्रहण के साथ गजकेसरी योग भी बन रहा है। इस दिन 28 अक्टूबर को गजकेसरी योग, बुधादित्य योग, शश योग और सिद्धि योग जैसे चार शुभ संयोग बन रहे है। इसका असर अब कुछ विशेष राशियों पर भी पड़ने वाला है। जाने क्या कहते है ये योग..

वृषभ राशि:

वृषभ राशि के जातकों के लिए इस बार का यह ग्रहण काफी शुभ समाचार लाने वाला है। इसके  प्रभाव से जातकों की जिंदगी में चल रही सभी परेशानियां दूर होगी। लंबे समय से अटके कार्य बिना किसी मेहनत के पूरे होगें। अचानक स तरक्की पाने के योग बनेगें।

मिथुन राशि:

चंद्र ग्रहण के प्रभाव से जातकों का आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। बीमारी से राहत मिलेगी, साथ ही मानसिक तनाव भी दूर होगा। तरक्की पाने के नए मार्ग खुलेगें।

कन्या राशि

चंद्र ग्रहण के दिन कन्या राशि के जातकों के लिए कास होने वाला है। इस योग के प्रभाव से आपका भाग्य चमकेगा। आपको नौकरी में नए अवसर मिलेंगे। आपकी संपत्ति में निवेश से लाभ होगा।

 कुंभ राशि:

कुंभ राशि वालों के लिए यह योग 28 अक्टूबर खास होने वाला है। नौकरी में पदोन्नति की संभावनाएं देखने को मिल रही हैं। घर में सुख-शांति बनी रहेगी। परिवार के साथ अच्छा समय व्यतीत करेंगे।