Rajasthan Election 2023: राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत जादूगर तो है ही, लेकिन उनकी जादूगरी राजनीती में और भी बेहतर है। अशोक गहलोत ने सीएम की दौड़ में नहीं होते हुए भी कुर्सी हासिल कर ली। सचिन पायलट को उपमुख्यमंत्री और प्रदेशाध्यक्ष पद से भी बेदखल कर दिया। राजस्थान कांग्रेस को जहां युवा सीएम चाहिए था, वहीं अशोक गहलोत ने आलाकमान को मजबूर कर दिया। सचिन पायलट की बगावत ने आलाकमान को विवश कर दिया था, उस समय भी अशोक गहलोत की जादूगरी चल गई। लेकिन चुनाव से पहले उनके आ रहे बयान काफी चर्चाओं में हैं। भाजपा से मेल जोल या फिर मोदी से मित्रता, इसके चक्कर में जनता भी गुमराह दिख रही है।

मोदी से मित्रता

मोदी से अशोक गहलोत की मित्रता है। इसका नरेंद्र मोदी अपने भाषणों में भी काफी बखान करते हैं। नरेंद्र मोदी जब गुजरात के सीएम हुआ करते थे, तब अशोक गहलोत राजस्थान के सीएम भी थे। उस समय से ही दोनों नेता अपने अपने क्षेत्र में कामकाज के लिए पहचाने जाते थे। देशभर में मोदी जैसे फैसले और अशोक गहलोत जैसी योजनाएं कोई लागू नहीं कर सकता। राजस्थान में ‘स्वास्थ्य का अधिकार’ लागू करके जनता से आशीर्वाद लिया है। कोरोना जैसे संकटकाल में भी मोदी ने राजस्थान सरकार की नीतियों को सराहा। अशोक गहलोत का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें कह रहे हैं की मोदी जी कहते हैं मेरे मित्र अशोक गहलोत। और फिर उसके बाद सरकार की ऐसी तेसी कर देते हैं।

वसुंधरा राजे की आलाकमान से करवा दी लड़ाई

भाजपा आलाकमान जब राजस्थान सीएम चेहरे को लेकर फैसला लेने में लगी है, ऐसे समय में अशोक गहलोत का बयान वसुंधरा राजे की मुसीबतें बढ़ा रहा है। अशोक गहलोत ने कहा कि जब हमारी कांग्रेस सरकार खतरे में थी तब वसुंधरा जी ने हमारा साथ दिया। पैसों के दम पर सरकार नहीं गिरा पाए विरोधी। वसुंधरा राजे के कांग्रेस के साथ इतने मधुर संबंधों पर भाजपा में भी सनसनी सी फ़ैल गई।