River Mobility के नाम से शुरू यह है स्टार्टअप स्कूटर को आकर्षक SUV कर में बदलने का काम करता है। इस कंपनी ने अगस्त 2023 में अपने पहले प्रोडक्ट को लांच किया है। इस कंपनी के स्कूटर अक्टूबर 2023 से इंडियन मार्केट में बिकना शुरू हुए है। भारत में इलेक्ट्रिक स्कूटर की डिमांड को देखते हुए बहुत सारे लोगों ने अपनी कंपनी शुरू की है। Bengaluru based startup River Mobility में यामाहा ने अपनी फंडिंग की है। यह कंपनी भारतीय मार्केट में स्कूटर को suv car बना कर बेचने का काम कर रही है।

किसी भी कंपनी के ऊपर इतनी बड़ी फंडिंग बहुत अधिक मायने रखती है। इसलिए चलिए जानते है इस कंपनी के प्रोडक्ट और भारत में इलेक्ट्रिक स्कूटर के सुनहरे भविष्य को।

River Mobility: इंडियन इलेक्ट्रिक मार्केट का सुनहरा भविष्य

भारत में इलेक्ट्रिक स्कूटर का भविष्य बहुत ही सुनहरा है। हमारे देश में इलेक्ट्रिक स्कूटर की बढ़ती डिमांड के कारण ज्यादातर वाहन निर्माता का ध्यान आकर्षित हो रहा है। ऐसे में हमारे देश का यूथ भी भारतीय ऑटोमोबाइल सेक्टर के लिए कुछ इनोवेशन लाना चाहता है। आपको पता होगा कि अब तक भारत में केवल पारंपरिक टू व्हीलर चल रहे थे लेकिन River Mobility ने एक ऐसा इनोवेशन लाया है जो ऑटोमोबाइल सेक्टर को पूरी तरह से बदल सकता है।

इसी वजह से सीरीज बी की फंडिंग में यामाहा ने इस कंपनी पर 40 इन्वेस्ट किया है जो भारतीय मुद्रा में लगभग 335 करोड़ होते है। यह कंपनी अपने स्कूटर को और भी आकर्षक और बेहतर बनाना चाहती है इसलिए बड़े पैमाने पर निवेश ले रही है। इस कंपनी ने ब्रिटिश की प्रक्रिया साल 2021 में शुरू की थी और पहले इसमें टोयोटा वेंचर्स और मानिव मोबिलिटी जैसी कुछ कंपनियों ने निवेश किया था और साल 2024 में यामाहा ने इसमें निवेश किया है वर्तमान समय में इस कंपनी पर कुल 565 करोड़ का निवेश हुआ है।

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कंपनी निवेश का यह पूरा पैसा रिसर्च एंड डेवलपमेंट के साथ-साथ देश भर में अपने डिस्ट्रीब्यूशन और नेटवर्क को मजबूत करने के लिए कर रही है। अक्टूबर 2023 से इस कंपनी का प्रोडक्ट मार्केट में लॉन्च हो चुका है और धीरे-धीरे वह ऑटोमोबाइल सेक्टर में एक लीडिंग प्लेयर बनने की कोशिश कर रही है।

यामाहा कंपनी ने बताया कि वह रिवर मोबिलिटी के प्रगति से काफी प्रभावित है। यह कंपनी कम समय में डिजाइन और प्रौद्योगिकी पर खास ध्यान दे रही है और इसका एक अच्छा प्रभाव देखने को मिल रहा है। रिवर मोबिलिटी के फाउंडर और सीईओ अरविंद मंडी ने बताया कि वह 2030 तक अपने ब्रैंड को ऑटोमोबाइल और यूटिलिटी सेक्टर के बिलियन डॉलर ग्लोबल ब्रांड के रूप में देखते हैं।