नेशनल डेस्क: भारत में नोटबंदी के इतने वर्ष बाद भी पुराने पांच सौ और एक हजार के नोट मिल रहे हैं। पुराने नोट का चलन या मौका वापसी का होता है तो कबाड़ी वाले लखपति बन जाएंगे। कई वीडियो ऐसे देखें गए हैं जिनमे कबाड़ी वालों के पास पुराने नोटों के बण्डल देखे जा रहे हैं। इंडिया में एक मौका और दिया जाता है तो कई महिलाओं के पुराने नोट फिर से काम आ जाएंगे।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने विमुद्रीकृत करेंसी नोटों को बदलने के लिए नागरिकों को अनुमति देते हुए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। यह कदम उन लोगों को एक अंतिम अवसर प्रदान करता है जिनके पास पुराने ₹500 और ₹1000 के नोट हैं, जिन्हें 2016 के विमुद्रीकरण (Demonetization) के बाद अमान्य कर दिया गया था।
सख्त दस्तावेज़ और सीमित अवधि
RBI द्वारा निर्धारित यह विनिमय प्रक्रिया सख्त शर्तों के अधीन है। नोट रखने वाले नागरिकों को नोट रखने का वैध कारण बताना होगा, जैसे कि विरासत में मिलना या कानूनी निपटान। नागरिकों को नोट बदलने के लिए अपने पहचान प्रमाण (Proof of Identity) और पते के प्रमाण (Proof of Address) जैसे आवश्यक दस्तावेज़ों के साथ RBI के निर्दिष्ट कार्यालयों में जाना होगा। RBI ने पारदर्शिता और उचित निगरानी की आवश्यकता पर ज़ोर दिया है। विनिमय की यह अवधि सीमित है।
काले धन पर लगाम लगाने की उम्मीद
RBI के इस कदम से मुद्रा के सर्कुलेशन को सुव्यवस्थित करने और सिस्टम में काले धन को कम करने की उम्मीद है। जहाँ इस पहल को मिली-जुली प्रतिक्रिया मिली है, वहीं यह उन लोगों को एक मौका देती है कि वे विनिमय अवधि समाप्त होने से पहले पुरानी मुद्रा को औपचारिक अर्थव्यवस्था में वापस ला सकें।